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पवन जल्लाद (Pawan Jallad)( Photo Credit : फाइल फोटो)
निर्भया (Nirbhaya Gangrape and Murder Case)के चारों हत्यारों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 7 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फांसी पर लटका दिया गया. तिहाड़ जेल में डेथ वारंट में तय समय के अनुसार ठीक 5:30 बजे पवन जल्लाद ने फांसी का लीवर खींच दिया. लीवर खिंचते ही निर्भयाके हत्यारे फंदे पर लटक गए. इसके साथ ही फांसी की प्रक्रिया पूरी हो गई. मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद (Pawan Jallad) ने चारों दोषियों को फांसी दी.
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कड़ी सुरक्षा के बीच मेरठ के लिए किया गया रवाना
जानकारी के मुताबिक तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से पवन जल्लाद को चारों दोषियों को फांसी देने के लिए 60,000 रुपये का भुगतान किया गया. पवन जल्लाद को हर एक दोषी को फांसी देने के लिए 15,000 रुपये दिए गए. अदालत द्वारा दिए गए मृत्युदंड के फैसले को क्रियान्वित करने वाले पवन जल्लाद को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल से मेरठ के लिए रवाना कर दिया गया है. निर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के बाद पवन जल्लाद ने कहा, "जिंदगी में पहली बार चार फांसी देकर मैं खुश हूं. इस दिन के लिए मैं इंतजार करते-करते बूढ़ा हो गया. भगवान और तिहाड़ जेल प्रशासन का धन्यवाद."
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पवन जल्लाद को 2 बार बगैर फांसी दिए लौटना पड़ा था
जानकारी के मुताबिक पिछली दोनों बार सजा टलने की वजह से दोषियों को बगैर फांसी दिए पवन जल्लाद को वापस लौटना पड़ा था. इससे पहले पवन जल्लाद दोषियों को फांसी देने के लिए दो बार तिहाड़ जेल आया था. निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी गई, जिसके बाद जेल के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ ने आखिरकार दोषियों को फांसी दिए जाने के निश्चित समय पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया और 'निर्भया जिंदाबाद' के नारे लगाए.