निर्भया के एक गुनहगार ने क्यूरेटिव पिटीशन पर खुली अदालत में सुनवाई करने की मांग की, जानें क्यों
निर्भया के गुनहगारों में से एक पवन गुप्ता (Pawan Gupta) ने सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) दाखिल की है.
नई दिल्ली:
निर्भया के गुहगार फांसी की सजा से बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. निर्भया के गुनहगारों में से एक पवन गुप्ता (Pawan Gupta) ने सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) दाखिल की है. पवन गुप्ता चाहता है कि क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई खुली अदालत यानी ओपन कोर्ट में हो, क्योंकि यह मृत्युदंड से संबंधित मामला है.
दोषी पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कहा, 'पवन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme corut) से इस बात के लिए निर्देश देने की मांग की है कि उसकी सुधारात्मक याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई की जाए.क्योंकि यह मामला मृत्युदंड से संबंधित है.'
AP Singh, lawyer of Pawan Gupta (one of the 2012 Delhi gangrape case death row convicts): Pawan has moved Supreme Court seeking a direction that his curative petition be heard in an open court, as the matter is related to death penalty. (file pic) pic.twitter.com/vjB6YKxLoj
— ANI (@ANI) March 1, 2020
इससे पहले निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों में से दो ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत का रूख किया और तीन मार्च को मृत्यु वारंट के अमल पर रोक लगाने का अनुरोध किया. सभी चारों दोषियों को तीन मार्च को फांसी दी जानी है.
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तिहाड़ जेल अधिकारियों को 2 मार्च तक जवाब देने के निर्देश
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने अक्षय सिंह और पवन कुमार गुप्ता की याचिकाओं पर तिहाड़ जेल अधिकारियों को 2 मार्च तक जवाब देने के निर्देश दिये. अपने वकील के जरिये दाखिल याचिका में सिंह ने दावा किया कि उसने भारत के राष्ट्रपति के समक्ष एक नई दया याचिका भी दाखिल की है जो अभी लंबित है.
दया याचिका दायर करने का भी विकल्प है
सिंह की ओर से पेश वकील एपी सिंह ने कहा कि उसकी पहले की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था और उसमें पूरे तथ्य नहीं थे. गुप्ता ने अपनी याचिका में दलील दी कि उसकी सुधारात्मक याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है. उसने कहा कि उसके पास दया याचिका दायर करने का भी विकल्प है.
अदालत ने 17 फरवरी को आदेश दिया था कि चारों दोषियों-मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को नया मृत्यु वारंट जारी करने के बाद तीन मार्च को फांसी पर लटकाये जाने का आदेश दिया था.
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी. सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.