मेरठ से तिहाड़ पहुंचा पवन जल्लाद, निर्भया के दोषियों को 1 फरवरी को देगा फांसी

1 फरवरी को चारों दोषियों को फंदे पर लटकाने से पहले पवन जल्‍लाद तिहाड़ जेल में डमी फांसी देने का ट्रायल करेगा और इससे निर्भया के दोषियों के प्राण सूख जाएंगे

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Ravindra Singh
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मेरठ से तिहाड़ पहुंचा पवन जल्लाद, निर्भया के दोषियों को 1 फरवरी को देगा फांसी

पवन जल्लाद( Photo Credit : फाइल)

निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को 1 फरवरी की तय तारीख पर फांसी चढ़ाने के लिए मेरठ जेल से पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंच गया. इसके साथ ही कल यानि शुक्रवार को पवन जल्लाद तिहाड़ में फांसी का डमी ट्रायल भी करेंगे. वहीं यह खबर सुनकर तिहाड़ जेल में निर्भया के हत्‍यारों की धड़कनें तेज हो गई होंगी. हो भी क्‍यों न, उन्‍हें फंदे पर लटकाने के लिए जल्‍लाद तिहाड़ जेल जो पहुंच गया है. 1 फरवरी को चारों दोषियों को फंदे पर लटकाने से पहले पवन जल्‍लाद तिहाड़ जेल में डमी फांसी देने का ट्रायल करेगा और इससे निर्भया के दोषियों के प्राण सूख जाएंगे इस दौरान वो एक दिन पहले ही अपने हश्र के बारे में सोचकर डर जाएंगे.

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उधर, निर्भया के हत्‍यारों की क्‍यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी. पांच जजों जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंगटन फली नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने चैंबर में सुनवाई कर क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट इससे पहले मुकेश और विनय की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुका है. अक्षय की क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद अब केवल एक दोषी पवन के पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का विकल्प रह गया है.

इससे पहले 2012 के निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषियों के वकील एपी सिंह ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर एक फरवरी को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग की है. याचिका में दोषियों के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि दिल्ली जेल के नियमों के अनुसार, एक ही अपराध के चार दोषियों में से किसी को भी तब तक फांसी नहीं दी जा सकती, जब तक कि आखिरी दोषी ने दया याचिका सहित अपने सभी कानूनी विकल्पों को समाप्त नहीं कर दिया हो.

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दोषी अक्षय की रिव्‍यू पिटीशन 2019 के दिसंबर में खारिज हो चुकी है. मंगलवार को उसने सुप्रीम कोर्ट में क्‍यूरेटिव पिटीशन फाइल की थी. उसने अब तक राष्‍ट्रपति के सामने दया याचिका भी नहीं डाली है. एक अन्‍य दोषी पवन गुप्‍ता की रिव्‍यू पिटीशन जुलाई 2018 में खारिज हो चुकी है. उसने अब तक क्‍यूरेटिव पिटीशन नहीं डाली है. साथ ही दया याचिका दाखिल करने का विकल्‍प भी उसके सामने खुला हुआ है.

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जानें इन दोषियों के लिए पवन जल्लाद ही क्यों

  • पहली वजह है कि पवन पुश्तैनी जल्लाद है. शरीर से मजबूत है.
  • उसने पुरखों के साथ फांसी देने-दिलवाने का काम सीखा है.
  • फांसी देते वक्त पवन जल्लाद से किसी भूल की गुंजाइश न के बराबर होगी.
  • पवन की आंखों की रोशनी भी ठीक है
  • पवन जल्लाद मेरठ में रहता है जो दिल्ली के करीब है. ऐसे में पवन को लाने-जाने के वक्त भी ज्यादा देर का जोखिम तिहाड़ जेल प्रशासन को नहीं उठाना पड़ेगा.
  • जरूरत पड़ने पर दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में पवन जल्लाद को तिहाड़ प्रशासन दिल्ली ला सकता है.
  • पवन जल्‍लाद ने कहा, मैं खानदानी जल्लाद हूं. इसमें मुझे शर्म नहीं लगती. मेरे परदादा लक्ष्मन जल्लाद, दादा कालू राम जल्लाद, पिता मम्मू जल्लाद थे. मतलब जल्लादी के इस खानदानी पेशे में मैं अब चौथी पीढ़ी का इकलौता जल्लाद हूं.
  • पवन ने पहली फांसी दादा कालू राम जल्लाद के साथ पटियाला सेंट्रल जेल में दो भाइयों को दी थी. उस वक्त मेरी उम्र यही कोई 20-22 साल रही होगी. अब वह 58 साल का हो चुका है. दादा के साथ अब तक जिंदगी में पांच खूंखार मुजरिमों को फांसी पर टांग चुका है.
  • दादा कालू राम के साथ आखिरी फांसी उसने बुलंदशहर के दुष्कर्म और हत्यारोपी मुजरिम को 1988 के आसपास लगाई थी. वह फांसी आगरा सेंट्रल जेल में लगाई गई थी.
  • पवन को उत्तर प्रदेश सरकार से 5 हजार रुपये महीने मिलते हैं. आजकल एक फांसी लगाने का दाम 25 हजार रुपये मिलते हैं.
Pawan Jallad Delhi Gang Rape Case 2012 Convicts will Hang 1st February Pawan Executioner Reached Tihar Nirbhaya Gang Rape Case
      
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