बिहार में पंचायत चुनाव में मतदान की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। अंतिम और 11 चरण में हुए मतदान की गिनती अभी कई क्षेत्रों में शेष है, लेकिन अब तक आए नतीजों से साफ है कि इस बार पंचायत चुनाव में मतदाताओं को युवा प्रत्याशी पसंद आ रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग की मानें तो अब तक सामने आए चुनाव परिणाम में करीब 60 प्रतिशत युवा उम्मीदवार जीते हैं। अधिकांश क्षेत्रों के मतदाताओं ने बदलाव को तरजीह देते हुए मतदान किया।
सूत्रों का मानना है कि चुनाव जीतने वाले 50 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार 25 से 50 वर्ष के बीच की उम्र के हैं। अधिकांश क्षेत्रों में पुराने मुखिया को हार का मुंह देखना पड़ा है। प्रतिनिधियों के चुनाव हारने का मुख्य कारण है मतदाताओं की उनके प्रति बेरुखी को बताया जा रहा है।
आयोग ने अब इसकी एक रिपोर्ट तैयार करने की योजना बनाई है। आयोग के एक अधिकारी बताते हैं कि विस्तृत तरीके से नये चेहरे, युवा चेहरे, महिला एवं पुरुष उम्मीदवारों की जीत, शिक्षा सहित अन्य बिंदुओं पर समेकित रिपोर्ट तैयार करने की योजना बनाई जा रही है।
पटना की बात करें तो कहा जा रहा है कि 90 फीसदी पुराने मुखिया चुनाव हार गए हैं, जबकि 92 प्रतिशत युवा विभिन्न पदों के लिए चुनाव जीते हैं। इस बार पटना में पंचायत चुनाव में सबसे अधिक 35 से 45 आयु वर्ग के मुखिया चुनाव जीतकर आए हुए हैं।
पटना में कुल 309 मुखिया के पद हैं, जिसमें से 277 मुखिया के पद पर मतगणना हो गई है। इनमें से 249 नए लोग मुखिया पद पर जीत कर आए हैं।
बिहार के शिवहर जिले के कुशहर पंचायत से मुखिया बनीं 21 वर्षीय अनुष्का कुमारी कहती हैं कि मतदाता जिसे चुनें, उसके सिर पर ताज आता है। अनुष्का से जब उनकी जीत और इतनी कम उम्र में राजनीति में एंट्री को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने बताया है कि क्षेत्र में काफी समस्याएं हैं। इन समस्याओं और भ्रष्टाचार को दूर करने को लेकर वो पंचायत चुनाव लड़ी थीं।
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Source : IANS