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भारत बंद का बिहार में दिखा मिला-जुला असर, सड़कों पर उतरा विपक्ष (लीड-1)

भारत बंद का बिहार में दिखा मिला-जुला असर, सड़कों पर उतरा विपक्ष (लीड-1)

Updated on: 27 Sep 2021, 09:50 PM

पटना:

कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को किसान संगठनों के भारत बंद का बिहार में भी मिलाजुला असर देखा गया। राज्य के करीब सभी विपक्षी दलों ने इस बंद का समर्थन किया। बिहार के कई जिलों में सुबह से ही बंद समर्थक सड़कों पर उतर गए, जिससे आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया। राज्य के कई जिलों के ग्रामीण इलाकों में बंद का असर दिखा तो शहरी इलाकों मंे बंद का कोई प्रभाव नहीं दिखा।

बंद को लेकर बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के अलावा महागठबंधन में शामिल दूसरे दलों ने केंद्र की मोदी सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। हालांकि राजद के नेता तेजस्वी यादव सड़कों पर नजर नहीं आए।

पटना में बंद समर्थकों ने पटना जंक्शन के पास वाहनों में तोड़फोड़ की तो पटना के हीं अशोक राजपथ पर आगजनी और हंगामा किया। हाजीपुर में बंद समर्थक सड़क पर उतरे और उन्होंने महात्मा गांधी सेतु को जाम कर दिया।

बंद समर्थकों द्वारा इस दौरान पटना स्टेशन से एक मार्च निकाला गया जो फ्रेजर रोड होते हुए डाकबंगला चौराहा पहुंचा और फिर चौराहा को जाम करके एक सभा का आयोजन किया गया।

जहानाबाद में पटना-गया पैसेंजर को रोक दिया गया तथा बंद समर्थकों ने रेल पटरियों पर प्रदर्शन किया। बेगूसराय में भी कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही एनएच 31 पर जाम लगा दिया और यातायात व्यवस्था को ठप्प कर दिया। आरा में एनएच 30 को बस पड़ाव के पास जाम कर दिया, जबकि कोइलवर में आरा-पटना मुख्य मार्ग को भी बंद समर्थकों ने अवरुद्ध किया।

सहरसा में भारत बंद के दौरान शंकर चैक पर सड़क पर आगजनी की गई, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह बाधित रहा। गया, पूर्णिया, वैशाली में भी बंद समर्थक सड़क पर उतरे और मार्च निकाला। भागलपुर में एनएच 80 को जाम किया गया और फिर स्टेशन चौक से जुलूस निकला गया।

फुलवारी में भाकपा-माले विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में महागठबंधन का मार्च निकला। सीवान और गोपालगंज में भी बंद समर्थक सड़क पर उतरे।

समस्तीपुर, खगड़िया, नवादा, पूर्वी चंपारण, रोहतास, कैमूर, सुपौल जिलों में भी बंद का मिलाजुला असर दिखा।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने बंद को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, जिस सरकार को अन्नदाताओं का दुख-दर्द महसूस नहीं होता, उस सरकार का दिल, दिमाग और आत्मा बंजर है।

उन्होंने कहा, किसान जो देश की रीढ़ हैं, उन्हें गरीब रखकर क्या देश कभी समृद्ध, सक्षम, संबल बन पाएगा? जिस मुंह से अन्नदाताओं का उगाया अन्न खाते हैं, उसी मुंह से फंडदाताओं के फायदे के लिए देश के किसानों के विरुद्ध दुष्प्रचार करते, अपशब्द कहते लज्जा नहीं आती?

उन्होंने कहा कि किसानों के हित में और तीन काले कृषि कानूनों के विरुद्ध भारत बंद को सफल बनाने के सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को धन्यवाद।

उधर, जदयू के नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने एकबार फिर अपना रंग दिखाया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, कमाल, छोड़ा मैदान और हो गए फरार।

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