बिहार के गया की तिलकुट तो देश से लेकर विदेशों में मशहूर है, लेकिन राजधानी पटना के बाजार भी मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट समेत तिल से बने अन्य व्यंजनों के कारण सोंधी खुशबू से महक रही है।
तिलकुट की दुकानें मुख्य सड़कों के किनारे के अलावा मोहल्लों तक में खुल गई है। दुकानदार भी मकर संक्रांति को लेकर अभी भी तिलकुट बनवाने में व्यस्त हैं।
मांग के अनुरूप आपूर्ति को लेकर कारीगर दिन-रात तिल के बने तिलकुट सहित अन्य व्यंजन बनाने के काम में जुटे हुए हैं।
ऐसे मकर संक्रांति का पर्व आमतौर पर 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस साल ज्योतिषियों के मुताबिक मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति को लेकर बाजार भी सज गए हैं। पर्व में अभी भी चार से पांच दिन का समय शेष है, लेकिन लोग ठंड के मौसम में भी खरीददारी के लिए निकल रहे हैं।
दुकानदारों की मानें तो तिल की कीमत बढ़ने के कारण तिलकुट की कीमतों में भी मामूली वृद्धि हुई है। हालांकि बिक्री बढ़ने के कारण दुकानदार खुश हैं।
राजीव नगर स्थित तिलकुट दुकानदार राजीव कुमार बताते हैं कि इस बार चीनी की अपेक्षा गुड़ की तिलकुट की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि तिलकुट की कई वेरायटी बाजार में उपलब्ध है। लोग इस साल खोया तिलकुट भी खरीद रहे हैं।
इस साल बाजार में चीनी तिलकुट की कीमत 190 से 270 रुपये प्रति किलोग्राम है तो खोया तिलकुट 400 से 600 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहे हैं।
सफेद तिल लड्डू की मांग इस मकर संक्रांति को लेकर बढ़ी हुई है।
बोरिंग रोड स्थित दुकानदार शंभू प्रसाद बताते हैं कि ठंड के मौसम में तिल खाना ऐसे भी लोग पसंद करते हैं।
उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति को लेकर गजक को भी मांग बढ़ी है। गजक के अलावा तिल की बर्फी और तिल पापड़ी भी उपलब्ध है, जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा तिल से बनी वस्तुओं की कीमत में इस साल 15 से 20 फीसदी की वृद्धि हुई है।
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Source : IANS