वर्ष 2022 के समाप्ति के एक दिन पहले यानी शुक्रवार को शराबबंदी कानून को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एकबार फिर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने शराबबंदी को लेकर गुजरात मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि बिहार में भी परमिट पर शराब मिलने की व्यवस्था होनी चाहिए।
मांझी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन एक ही बात को बार बार कहने में ठीक नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि गुजरात में भी तो शराबबंदी है, लेकिन वहां तो बिहार जैसी बातें तो नहीं उठ रही हैं। उन्होंने कहा कि सब जगह लिमिट है, जिसे शराब की जरूरत है, उसे परमिट के साथ मिल जाती है।
उन्होंने कहा कि उसी तरह बिहार में भी हो।
बिहार सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख मांझी ने कहा कि शराब नहीं मिलने के कारण लोग हड़बड़ी में शराब बनाते हैं जो जहरीली बन जाती है, जिसे पीकर लोग मर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि जो शराब 10 दिन में बनना चाहिए वह दो घंटे में ही बन जाती है। शराब बनाने के दौरान गलत चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जो उसे जहरीली बना देती है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिस तरह से गुजरात में परमिट के साथ लोगों को शराब मिलती है, उसी तरह से बिहार में भी शराब शुरू किया जाए।
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Source : IANS