बिहार में सम्राट अशोक की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दो घटक दल भाजपा और जदयू आमने-सामने नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को जहां भाजपा ने अशोक जयंती मनाई वहीं जदयू ने शनिवार को सम्राट अशोक की जयंती के मौके पर समारोह का आयोजन किया।
इस मौके पर जदयू नेता अपने ही सहयोगी भाजपा पर इशारों ही इशारों पर निशना साधा। जदयू के संसदीय बोर्ड के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने जातिय जनगणना का मुद्दा फिर से उठाया, वहीं पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह ने साफ लहजे में कहा कि नीतीश कुमार किसी की कृपा से मुख्यमंत्री नहीं बने हैं।
पटना में आयोजित अशोक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि कुछ भी हो जाए नेतृत्व से हम समझौता नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चल रही है और आगे भी चलेगी।
कुशवाहा ने जाति आधारित जनगणना का मुद्दा छेड़ते हुए कहा कि जातिय जनगणना नहीं होने के कारण जातियों की संख्या का पता नहीं चल पा रहा है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने जदयू के कार्यकतार्ओं से गांव-गांव जाने की बात कही। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल बड़े-बड़े होर्डिग और जयंती मनाने से कुछ नहीं होता, सम्राट अशोक के आदशरें को मानना होता है।
इधर, पार्टी के अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह ने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार किसी की कृपा पर मुख्यमंत्री नहीं हैं। इस बात को सभी समझ लें। जनता की ताकत के कारण वे मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठे हैं।
उन्होंने जनता के लिए जो काम किया है, उसी का नतीजा है कि वे मुख्यमंत्री बने हैं। सिंह ने कहा कि 2005 से आज तक वे समाज के हर वर्ग के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने भी जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया।
उल्लेखनीय है कि राज्य में जदयू विधायकों की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है, जबकि भाजपा के सबसे अधिक विधायक हैं। पिछले कुछ दिनों के अंदर भाजपा के कई नेता भाजपा का मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।
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Source : IANS