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नाबार्ड ने बिहार के लिए अगले साल 1,45,809 करोड़ रुपए ऋण का किया आकलन

नाबार्ड ने बिहार के लिए अगले साल 1,45,809 करोड़ रुपए ऋण का किया आकलन

Updated on: 28 Dec 2021, 11:05 PM

पटना:

बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि नाबार्ड ने बिहार के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1,45,809 करोड़ रुपए की ऋण संभाव्यता का आकलन किया है, जिससे आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर बिहार अभियान के साथ-साथ राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में मदद मिलेगी।

नाबार्ड के तत्वावधान में मंगलवार को पटना में आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के अधिकांश जिले बाढ़, सुखाड़ और अतिवृष्टि, अनावृष्टि के कारण प्रत्येक वर्ष तबाह होते हैं, ऐसी स्थिति में राज्य में टिकाऊ विकास के मॉडल पर काम करने की जरूरत है।

इस मौके पर जारी स्टेट फोकस पेपर में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के अलावा अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में बैंकों को तत्परता से काम करने का सुझाव दिया गया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय को दोगुना करने हेतु कई महत्वकांक्षी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की शुरूआत की है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि के मार्ग प्रशस्त हो रहे हैं। किसान उत्पादन संगठन एक महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में उभर रहा है, जो बिहार के लघु और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है। इस दिशा में नाबार्ड का कार्य सराहनीय रहा है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता की वृद्धि की दिशा में बेहतर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि आज की स्टेट क्रेडिट संगोष्ठी का लाभ बिहार के किसानों को मिलेगा एवं इस अवसर पर नाबार्ड द्वारा जारी किए गए स्टेट फोकस पेपर में सुझाए गए बिंदु के क्रियान्वयन से किसानों के जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

नाबार्ड के मुख्य प्रबंधक डॉ. सुनील कुमार ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि स्टेट फोकस पेपर राज्य के सभी 38 जिलों के लिए आकलन के लिए ऋण प्रवाह का संकलन है, जिसमें वर्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के तहत 1,45,809 करोड़ के ऋण संभाव्यता का अनुमान है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 के लिए कृषि क्षेत्र में 87,874 करोड़ की ऋण क्षमता का अनुमान लगाया गया है। कृषि सावधि ऋण के तहत डेयरी, जल संसाधन, कृषि मशीनीकरण, भंडारण सुविधाएं और कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण शामिल हैं।

इस मौके पर पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, कृषि सचिव एन. सरवन कुमार सहित विभिन्न विभागों के वरीय अधिकारी एवं बैंकों से जुड़े प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

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