सूर्योपासना के लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राज्य के शहर, गांव और कस्बों तक भक्ति के रंग में रंग गया है। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के दूसरे दिन मंगलवार की शाम व्रतधारियों ने खरना किया जबकि बुधवार की शाम व्रती गंगा के तट और विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य अर्पित करेंगे।
छठ पर्व को लेकर सडकों से लेकर मुहल्लों की गलियों तक में छठ के कर्णप्रिय, मधुर पारंपरिक गीत गूंज रहे हैें। मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक साफ दिखाई दे रहा है। राजधानी पटना की सभी सड़कें पूरी तरह सज गई हैं जबकि गंगा घाटों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है।
राजधानी के मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई है। आम से लेकर खास तक के लोगों ने सड़कों की सफाई में व्यस्त हैं। हर कोई इस महापर्व पर व्रतियों की सुविधा देने में अपनी भूमिका निभाना चाहता है।
पटना में कई पूजा समितियों द्वारा विभिन्न स्थानों पर भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई है। कई स्थानों पर तोरण द्वारा लगाए गए हैं तो कई पूजा समितियों द्वारा लाइटिंग की व्यवस्था की गई है।
पटना में जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकडों के मुताबिक गंगा और अन्य नदियों के तटों पर 417 छठ घाट बनाए हैं जबकि 110 तालाबों में व्रतधारियों के लिए भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के लिए व्यवस्था की है। पटना के कई गंगा घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है। सभी खतरनाक घाटों की बैरिकेडिंग कर दी गई है। किसी भी घटना की आशंका को लेकर सभी घाटों पर पुलिस की तैनाती की गई है।
पटना के गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सभी घाटों पर एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है तथा चिकित्सा दलों की व्यवस्था की गई है। 587 दंडाधिकारियों की तैनाती की है तथा पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इन छठ घाटों पर व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसका पूरा ख्याल रखा गया है।
छठव्रतियों और श्रद्धालुओं को छठ घाटों तक जाने में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए यातायात व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है।
इस बीच, बुधवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी स्टीमर द्वारा छठ घाटों तक जाने का कार्यक्रम है।
इधर, औरंगाबाद जिले के देव सूर्य मंदिर, पटना के बडगांव, बाढ के पंडारक, पटना के उलार सहित अनय सूर्य मंदिरों पर भी श्रद्धालुओं की भीड जुटी हुई है। मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर सहित सभी जिलों के गांव से लेकर श्हर तक लोग छठ पर्व की भक्ति में डूबे हैं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार की शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर की अराधना की और खरना किया। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया।
पर्व के तीसरे दिन बुधवार की शाम छठव्रती नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य अर्पित करेंगे। पर्व के चौथे दिन यानी गुरुवार को उदीयमान सूर्य के अघ्र्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा। इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण कर पारण करेंगे।
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Source : IANS