बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को सीवान के जहरीली शराब से प्रभावित गांवों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मिलकर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि बिहार में जहरीली शराब के कहर का अंतहीन सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है और मुख्यमंत्री अपने दल और महागठबंधन की धींगा-मुश्ती में उलझे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की भ्रष्ट अफसरशाही कथित समाधान यात्रा के दौरान जिलों में तमाशा आयोजित कर मुख्यमंत्री का मनबहलाव करने में व्यस्त है।
सिन्हा ने कहा कि सारण के बाद सीवान में एक बार फिर जहरीली शराब से मरने वालों की गिनती शुरू हुई है। सरकार के मुख्यसचिव आमिर सुबहानी सीवान के ही बड़हरिया के मूल निवासी है, मगर उनके कानों ओ जू नहीं रेंग रही है। पदभार संभालने के दौरान लंबे-चौड़े दावे करने वाले नए डीजीपी आर एस भट्टी भी अब तक फुस्स ही साबित हुए है। शराब माफिया पुलिस तंत्र पर हावी है।
उन्होंने कहा कि दरअसल चाचा-भतीजे की सरकार में प्रशासन अराजक व सत्ता के संरक्षण में दारू माफिया बेलगाम, निर्भय हो गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अहंकार और जिद में लागू हुई शराबबंदी की नीति की विफलता, प्रशासनिक भ्रष्टाचार और पुलिस तंत्र की शराब मफियाओं से मिलीभगत व अवैध, अकूत वसूली का ही नतीजा है कि न तो जहरीली शराब के निर्माण व आवक पर रोक लग पा रही है, न शराब पी कर मरने का सिलसिला थम रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता व तानाशाही का ही नतीजा है कि उन्हें शराबबंदी नीति की समीक्षा की मांग से भी उन्हे खराब लग जाता है।
बिहार के 600 से भी ज्यादा दबे, कुचले, दलित, गरीब तबके के लोगों को जहरीली शराब ने लील लिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, आपकी आंखें मूंद लेने से न तो बिहार की यह भयावह तस्वीर बदल जाएगी, न ही मरने वाले अभागे की तकदीर बदलेगा।
उल्लेखनीय है कि सीवान में जहरीली शराब से अबतक पांच लोगों की मौत हो गई है। हालांकि अपुष्ट खबरों के मुताबिक मरने वालों की संख्या अधिक बताई जाती है।
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Source : IANS