बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को होने वाले विपक्षी दलों के बैठक के पूर्व भाजपा ने बैठक को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार निशाना साधा है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता के नाम पर भ्रष्टाचार में डूबे वंशवादी दलों की बैठक बुलाई गई है और ये सभी दल केवल अपनी-अपनी दुकान बचाने के लिए एक-साथ दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस जुटान का न देशहित, लोकतंत्र और विकास से कोई वास्ता है और न इनमें से कोई दल अपने प्रभाव वाले राज्य में दूसरे गैर-भाजपा दल से हाथ मिलाने को तैयार हैं।
मोदी ने कहा कि जिन दलों ने इसमें भाग लेने की सहमति दी है, उनमें कांग्रेस, राजद, सपा, टीएमसी, माकपा, झामुमो, द्रमुक सहित दर्जन-भर पार्टियां ऐसी हैं, जिनका नेतृत्व किसी एक परिवार के हाथ में है और जिनके बड़े नेता भ्रष्टचार के मामलों में जेल या बेल के बीच झूल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाला के सभी मामलों में सजायाफ्ता होकर जमानत पर हैं। राजद में दूसरी पीढ़ी के नेता नौकरी के बदले जमीन मामले में कभी भी जेल जा सकते हैं।
मोदी ने कहा कि दो दिन पहले द्रमुक सरकार के बिजली मंत्री गिरफ्तार हुए। आप, टीएमसी, एनसीपी के दो-दो मंत्री जेल में हैं या बेल पर।
उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा-विरोधी दल राष्ट्रीय स्तर एक होने का नाटक करते हैं और दूसरी तरफ अपने-अपने राज्य में एक-दूसरे को मिटाने पर तुले हैं। यह कैसी एकता है?
उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में पहली बार ऐसी विपक्षी एकता की कोशिश हो रही है, जो केवल भ्रष्टचार और वंशवाद के समर्थन में है। 23 जून को नीतीश कुमार जेपी की कर्मभूमि पटना को कलंकित करने वाले हैं।
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Source : IANS