बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हुए। इस समारोह में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के शामिल नहीं होने पर सत्ता पक्ष के नेता अब उनपर निशाना साधा है। हालांकि तेजस्वी ने बुधवार को ही उपचुनाव के कारण समारोह में शामिल नहीं होने की बात कही थी।
तेजस्वी ने बुधवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा था कि, राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द जी के बिहार आगमन पर आज पटना हवाई अड्डा पर उनका गर्म जोशी से स्वागत किया। दरभंगा पहुंच चुका हूं। कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में पूर्व निर्धारित चुनावी कार्यक्रम एवं जन प्रतिबद्धता के चलते कल विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में अनुपस्थित रहूंगा।
इधर, तेजस्वी के समारोह में शमिल नहीं होने पर सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं ने तेजस्वी पर निशाना साधा है।
सांसद और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आना राज्य के लिए गौरव की बात है। वे बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा, उनकी गरिमामय उपस्थिति वाले समारोह में अनुपस्थित रहकर नेता, प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने दलित समाज से आने वाले एक अतिशालीन व्यक्ति का अपमान किया। वे नीतीश सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे।
उन्होंने कहा कि विधान सभा की कार्यवाही में बाधा डालना, सदन के भीतर मारपीट करना, आसन की अवहेलना करना और सरकार के जवाब का बहिष्कार करना राजद के संसदीय आचरण का स्वभाव बन चुका है। पार्टी अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करने में पूरी तरह विफल है।
इधर, जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी को समारोह में भाग नहीं लेने पर उन्हें भगोड़ा तक करार दे दिया।
उन्होंने कहा, विधान सभा में तेजस्वी और उनके विधायक तोड़-फोड़ करने आ सकते हैं, आसन की अवहेलना करने आ सकते हैं, गाली-गलौज करने आ सकते हैं पर शताब्दी समारोह में नहीं आ सकते। इसी तरह नीतीश सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह से भी गायब थे। सही में भगोड़े हंै तेजस्वी।
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Source : IANS