बिहार में अब रमजान के महीने में राजनीतिक दलों द्वारा दिए जा रहे इफ्तार पार्टी को लेकर सियासत शुरू ही गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार की शाम इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसमे कई राजनेताओं और बड़ी संख्या में रोजेदारों ने शिरकत की। हालांकि भाजपा के नेताओं ने इसका विरोध किया और भाजपा का कोई भी नेता इस इफ्तार पार्टी में हिस्सा नहीं लिया।
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर 9 अप्रैल की शाम को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया है, जिसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है। दावत ए इफ्तार की तैयारी का जायजा लेने पहुंचे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि रोजेदारों को इफ्तार,वजू और नमाज की अदायगी मे कोई कठिनाई न हो इसका विशेष धयान कार्यकर्ता रखें।
इधर, इफ्तार पार्टी को लेकर भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार निशाना साधा है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महात्मा गांधी के वचन की बात करने वाले मुख्यमंत्री आज क्यों भूल गए हैं कि सत्ता जनता की सेवा करने के लिए मिली थी, न कि मेवा खाने के लिए।
सिन्हा ने सवालिया लहजे में कहा कि आज बिहार के कई जिले जल रहे और आप दावत ए इफ्तार का आयोजन कर आखिर जनता को क्या संदेश देना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर दावत ए इफ्तार की जगह आप सासाराम और अपने गृह जिला नालंदा जाकर पीड़ित परिवारों से मिले होता तो उन्हे ढांढस बंधती।
इधर, नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी में महागठबंधन के नेता तो जरूर पहुंचे लेकिन लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी दूरी बना ली।
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Source : IANS