देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान एम्स में अब बिना आधार कार्ड पंजीकरण कराने वालों को दस गुना ज्यादा शुल्क देना होगा। आधार कार्ड उपलब्ध कराने वाले मरीजों के लिए जल्दी ही पंजीकरण शुल्क खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन बिना आधार कार्ड वाले मरीजों को 10 गुना ज्यादा यानि 100 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।
एम्स के प्रवक्ता डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि आधार कार्ड होने पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। जिनके पास आधार के अलावा कोई भी पहचान प्रमाण पत्र नहीं हैं। उन्हें पंजीकरण शुल्क 100 रुपये देना होगा।
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एम्स के कंप्यूटर विभाग के चेयरमैन डॉक्टर दीपक अग्रवाल ने इस बात कि जानकारी दी कि यह व्यवस्था जनवरी 2017 से लागू हो सकती है। इसका उद्देश्य मरीजों का डाटाबेस दुरुस्त करना है। उनका कहना है कि ऐसा नहीं होने की वजह से व्यवस्था अस्त व्यस्त हो जाती है क्योंकि कई मरीजों से उनके जरूरी दस्तावेज और ओपीडी कार्ड गुम हो जाते हैं।
फिलहाल, किसी मरीज के रजिस्ट्रेशन के लिए 10 रुपये का भुगतान करना होता है। इसके बाद उसे एक विशेष स्वास्थ्य पहचान यानी UHID संख्या दी जाती है।
कैशलेस हुआ एम्स
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में इलाज कराने के लिए नकदी रखने की जरुरत नहीं होगी। एम्स प्रबंधन ने कैशलेस व्यवस्था को पूरी तरह लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए सभी विभागों को प्रीपेड कार्ड जारी किए जाएंगे। प्रीपेड कार्ड में मरीज जांच से लेकर सर्जरी और दवाओं की अनुमानित धनराशि का रिचार्ज करा सकेगें।
Source : News Nation Bureau