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5 सालों में पहली बार पतंजलि को हुआ घाटा, इसके पीछे वजह बनी मोदी सरकार, जानें कैसे

बाबा रामदेव (baba ramdev) को पिछले पांच सालों में पहली बार झटका लगा है. दरअसल, पंतजलि आयुर्वेद (patanjali ayurved) की ब्रिकी पिछले 5 सालों में पहली बार गिरी है.

Updated on: 26 Nov 2018, 06:05 PM

नई दिल्ली:

बाबा रामदेव (baba ramdev) की कंपनी को पिछले पांच सालों में पहली बार झटका लगा है. दरअसल, पंतजलि आयुर्वेद (patanjali ayurved) की ब्रिकी पिछले 5 सालों में पहली बार गिरी है. केयर रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का कंज्यूमर गुड्स रेवेन्यू वित्त वर्ष की समाप्ति पर मार्च 2018 में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 8,148 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. रिपोर्ट के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद की बिक्री में गिरावट की मुख्य वजहें, जीएसटी को अपनाने में आई बाधा और सप्लाइ चेन की कमजोरी थीं. हालांकि, कंपनी के संस्थापक बाबा रामदेव इसे 20,000 करोड़ रुपए के टर्नओवर तक पहुंचाना चाहते थे 3 से 5 सालों में. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. पतंजलि का रेवेन्यू 2016 में 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जबकि 2012 में यह 500 करोड़ रुपये से भी कम था.

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बता दे कि पतंजलि का सामान देशभर में 5 लाख फ्रैंचाइजी स्टोर समेत तमाम मल्टीस्टोर सुपरमार्केट के जरिए बेचे जाते हैं, वैसे हर जगह पर सप्लाई में दिक्कत है लेकिन सबसे ज्यादा परेशान उन दुकानदारों को हो रही है जो सिर्फ पतंजलि के प्रोडक्ट बेचते हैं. किसी के पास ज्यादा सामान हो गए है जो इसलिए नहीं बिक रहे हैं कि लोगों के पास कई दुकानों पर पतंजलि प्रोडक्ट मिल जा रहे हैं और कई दुकानों के पास सामान खत्म हो गए हैं.

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इंटरनेशनल रिसर्च ग्रुप क्रेडिट सुइस की कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक पतंजलि के ज्यादातर प्रोडक्ट एचयूएल और डाबर के मुकाबले टिक नहीं पा रहे हैं. पतंजलि को टेक्नोलॉजी, डिस्ट्रीब्यूशन, नए प्रोडक्ट के साथ क्वालिटी जैसे चैलेंज से एक साथ निपटना होगा.