logo-image

आचार्य बालकृष्ण ने कहा- WHO की GMP नीति के तहत DCGI ने दिया प्रमाण पत्र

पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट किया. ट्वीट कर लिखा- हम इस भ्रम को दूर करना चाहते हैं और साफ करना चाहते हैं कि कोरोनिल के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO)की Good Manufacturing Practice के तहत भारत सरकार ने सीओपीपी\डीसीजीआई ने प्रमाण पत्र जारी किया है.

Updated on: 20 Feb 2021, 06:20 PM

highlights

  • किसी भी स्टेज के कोरोना पर कारगर है पतंजलि की दवाई.
  • आगे भी चलती रहेगी शोध, विदेशों में होगा निर्यात.
  • पतंजलि की कोरोनावायरस के खिलाफ कारगर साबित हुई है.

नई दिल्ली :

योग गुरु स्वामी रामदेव की Patanjali Ayurveda Ltd ने शुक्रवार को कहा कि Coronavirus के इलाज में सहायक दवा के रूप में उसकी Coronil टैबलेट को Ayush Ministry से प्रमाण पत्र मिला है. यह दुनिया की पहली आयुर्वेदिक कोरोना की दवा है. वहीं, कोरोना की इस आयुर्वेदिक दवा है. इस टैबलेट को प्रमाण पत्र विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रमाण पत्र दिया है. यह खबर कई जगहों पर चल रही हैं, जिस पर पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट किया. ट्वीट कर लिखा- हम इस भ्रम को दूर करना चाहते हैं और साफ करना चाहते हैं कि कोरोनिल के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO)की Good Manufacturing Practice के तहत भारत सरकार ने सीओपीपी\डीसीजीआई ने प्रमाण पत्र जारी किया है. यह स्पष्ट है कि डब्लूएचओ किसी भी ड्रग्स को स्वीकार या अस्वीकृत नहीं करता है. WHO दुनिया भर के लोगों के लिए एक बेहतर, स्वस्थ भविष्य के निर्माण के लिए काम करता है.

>

यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र के बाद इस राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोरोना केस, 5 प्रदेशों ने सरकार की बढ़ाई टेंशन

पतंजलि के प्रमुख बालकृष्ण ने न्यूज नेशन से खास बातचीत में कहा कि रिसर्च पेपर पब्लिश होने में समय लगता है, यही वजह है कि कोरोना वायरस हमने पहले बना ली थी, लेकिन डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरा उतरने में इसे समय लगा. अब तमाम मानक पूरे हो चुके हैं और यह प्रमाणित है कि कोरोनिल कोरोनावायरस का सटीक सहायक उपचार है. जिसके जरिए स्पाइक प्रोटीन के साथ वायरस के फैलने और फेफड़ों के अंदर संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें : नीति आयोग की बैठक में बोले केजरीवाल, देश को मैन्युफैक्चरिंग पर युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत

हमने अपनी रिसर्च में पाया है कि किसी भी चरण के गंभीर असर के दौरान भी पतंजलि की कोरोनावायरस के खिलाफ कारगर साबित हुई है. यहां तक कि 3 दिन के अंदर भी पीड़ितों का कोरोनावायरस ठीक हुआ है. पतंजलि की शोध एक सतत कार्य है जो आगे भी चलता रहेगा हमें उम्मीद है कि, जैसे भारत कोरोना के खिलाफ वैक्सीन का पड़ोसी देशों में निर्यात कर रहा है ,वैसे ही पतंजलि की दवाई भी जरूरतमंद देशों तक पहुंचाई जाएगी.