तब की पातालनगरी क्‍या आज का होंडुरस है, भगवान हनुमान वहां किस रास्‍ते से गए थे?

रामायण (Ramayan) में इस बात का जिक्र है कि रावण (Rawan) के भाई अहिरावण (Ahirawan) को मारने के लिए बजरंग बली (Bajrang Bali) एक गुफा से होते हुए पाताललोक गए थे.

रामायण (Ramayan) में इस बात का जिक्र है कि रावण (Rawan) के भाई अहिरावण (Ahirawan) को मारने के लिए बजरंग बली (Bajrang Bali) एक गुफा से होते हुए पाताललोक गए थे.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
तब की पातालनगरी क्‍या आज का होंडुरस है, भगवान हनुमान वहां किस रास्‍ते से गए थे?

पातालकोट की स्‍थानीय मान्‍यता है कि पातालनगरी जाने के लिए यहां की एक गुफा से रास्‍ता जाता है.

मध्य अमेरिका (Middle America) के होंडुरस (Honduras) में भगवान हनुमान और पाताललोक से जुड़े कुछ साक्ष्य मिले हैं. रामायण (Ramayan) में इस बात का जिक्र है कि रावण (Rawan) के भाई अहिरावण (Ahirawan) को मारने के लिए बजरंग बली (Bajrang Bali) एक गुफा से होते हुए पाताललोक गए थे. अब सवाल यह है कि आखिर वह गुफा कौन सी है और कहां से शुरू होकर कहां निकलती है. मध्‍य प्रदेश के पातालकोट में स्‍थानीय मान्‍यता है कि पाताललोक (अमेरिका के होंडुरस) में जाने वाली गुफा पातालकोट में ही है. 

Advertisment

यह भी पढ़ें : मिशेल के भारत प्रत्‍यर्पण से डर गए विजय माल्‍या, बोले- बैंकों का मूलधन लौटाने को तैयार

पौराणिक कथाओं में बार-बार पाताललोक का जिक्र मिलता है. कई बार इसकी सत्‍यता को लेकर सवाल भी उठते रहते हैं. रामायण (Ramayan) में जिक्र है कि पवनपुत्र हनुमान (Hanuman) पाताललोक तक पहुंचे थे. कहा जाता है कि भगवान हनुमान (Lord Hanuman) अपने इष्टदेव भगवान श्रीराम (Lord Sri Ram) और उनके अनुज लक्ष्मण (Laxman) को अहिरावण (Ahirawan) के चंगुल से बचाने के लिए एक सुरंग से पाताललोक पहुंचे थे.

आम तौर पर माना जाता है कि पाताललोक धरती के ठीक नीचे है और वहां तक पहुंचने के लिए 70 हजार योजन की गहराई में जाना पड़ता है. अगर आज हम अपने देश में कहीं सुरंग खोदना चाहें तो ये सुरंग अमेरिका महाद्वीप के मैक्सिको (Maxico), ब्राजील (Brazil) और होंडुरास (Honduras) जैसे देशों तक पहुंचेगी. हाल ही में अमेरिका (America) के वैज्ञानिकों ने मध्य अमेरिका (Middle America) महाद्वीप के होंडुरास में सियूदाद ब्लांका नाम के एक गुम प्राचीन शहर की खोज आधुनिक लाइडर तकनीक (Lider Technology) से की है.

मध्य प्रदेश में है पातालकोट की गुफा
पातालकोट में राजाखोह (Rajakhoh) नाम की एक गुफा है. इसे लेकर तरह-तरह की कहानियां हैं. ऐसी मान्‍यता है कि कटोरानुमा चट्टान के नीचे स्थित यह गुफा भारत (India) से हजारों किमी दूर मध्य अमेरिका के होंडूरस देश में निकलती है. रामायण में अहिरावण की जो गुफा बताई गई है, उसके अमेरिका के होंडुरस में मिलने के साक्ष्य मिले हैं. होंडूरस में ही एक खोजी थिएडॉर मॉर्ड (Theodore Morde) ने City of Monkey God के नाम से एक जगह भी खोज निकाला है. वहां मंकी गॉड (Monkey God) की हजारों साल पुरानी पुरानी मूर्तियां मिली हैं. मंकी गॉड (Monkey God) की यह मूर्ति वैसी ही दिखती है, जैसे अपने देश में बजरंग बली को दिखाया जाता है. हालांकि पातालकोट स्थित उस गुफा के अंदर आज तक कोई नहीं जा पाया है.

यह भी पढ़ें : SBI : घर बैठे ऑनलाइन बदलें अपनी ब्रांच, 5 मिनट का है पूरा प्रोसेस

पातालकोट मध्‍य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में है. यहां कुछ गांव धरती से 1700 फीट नीचे है. इन गांवों के पास ही वह गुफा है. पातालकोट के इन गांवों में भारिया और गोंड आदिवासी रहते हैं. स्‍थानीय मान्‍यता है कि रावण का बेटा मेघनाद भगवान शिव की पूजा कर यहीं से पाताललोक गया था. इसलिए इसका नाम पातालकोट पड़ा.

होंडुरस को क्‍यों मानें पाताललोक
माना जाता है कि भारत या श्रीलंका से कोई सुरंग खोदी जाएगी तो वो सीधे अमेरिका के होंडुरस या उसके इर्द-गिर्द ही निकलेगी. दूसरी वजह ये है कि सियुदाद ब्लांका में ठीक राम भक्त हनुमान के जैसे वानर देवता की मूर्तियां मिली हैं. इतिहासकारों की मानें तो प्राचीन शहर सियुदाद ब्लांका के लोग एक विशालकाय वानर देवता की मूर्ति की पूजा करते थे.

अहिरावण को मारने पाताललोक गए थे बजरंग बली
रामायण की कथा की मानें तो भारत-श्रीलंका की जमीन के ठीक नीचे वो लोक है, जिसे पातालपुरी कहा जाता था. पातालपुरी का जिक्र रामायण के उस अध्याय में आता है, जब मायावी अहिरावण राम और लक्ष्मण का हरण कर उन्हें अपने माया लोक पातालपुरी ले जाता है. तब पातालपुरी के रक्षक अपने ही पुत्र मकरध्‍वज को भगवान हनुमान ने परास्‍त किया था. दरअसल, मकरध्वज एक मत्स्यकन्या से उत्पन्न हुए थे, जो लंकादहन के बाद समुद्र में आग बुझाते हनुमान जी के पसीना गिर जाने से गर्भवती हुई थी. रामकथा के मुताबिक, अहिरावण वध के बाद भगवान राम ने वानर रूप वाले मकरध्वज को ही पातालपुरी का राजा बना दिया था, जिसे पाताललोक के लोग पूजने लगे थे.

अमेरिकी पायलट ने होंडुरस में देखा था अवशेष
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद एक अमेरिकी पायलट ने होंडूरास के जंगलों में कुछ अवशेष देखने की बात कही थी, लेकिन इसके बारे में पहली पुख्ता जानकारी अमेरिकी खोजकर्ता थिएडॉर मॉर्ड (Theodore Morde) ने 1940 में दी. एक अमेरिकी मैगजीन में उन्‍होंने लिखा कि उस प्राचीन शहर में वानर देवता की पूजा होती थी, लेकिन उन्‍होंने शहर की जगह का खुलासा नहीं किया. बाद में रहस्यमय हालात में थिएडॉर मॉर्ड (Theodore Morde) की मौत हो जाने से प्राचीन शहर की खोज अधूरी रह गई थी. अब 70 साल बाद लाइडर तकनीक से होंडुरस के जंगलों में कुछ अवशेष मिलने शुरू हो गए हैं.

सबसे बड़ा मुद्दा: क्या अयोध्या में राम की मूर्ति लगाने का विरोध जायज है ? देखें Video

Source : Sunil Mishra

lord hanuman Patalkot Way to Patalnagri Way to Honduras Ahirawan Ram-Laxman
      
Advertisment