SC में सरकार ने इच्छामृत्यु का किया विरोध, कहा-कानून बना तो होगा दुरुपयोग

सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में कहा कि अगर इस बात की मंजूरी दे दी जाती है तो इसका दुरुपयोग होगा।

सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में कहा कि अगर इस बात की मंजूरी दे दी जाती है तो इसका दुरुपयोग होगा।

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abhiranjan kumar
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SC में सरकार ने इच्छामृत्यु का किया विरोध, कहा-कानून बना तो होगा दुरुपयोग

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

इच्छामृत्यु के मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में इसका विरोध किया। सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में कहा कि अगर इस बात की मंजूरी दे दी जाती है तो इसका दुरुपयोग होगा।

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सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 5 जजों की संवैधानिक बेंच कर रहा है। इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी होगी। पहले दिन की सुनवाई में केंद्र ने इसका विरोध किया। 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व में इसकी सुनवाई हो रही है। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भवन शामिल हैं।

फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में अपील किया गया है कि गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति जो कि डॉक्टर्स के मुताबिक अब कभी ठीक नहीं हो सकता, उसके लिए इच्छामृत्यु या दया मृत्यु दिया जाए।

इस याचिका को एक एनजीओ ने दायर किया है। एनजीओ ने अपने इस याचिका में 'गरिमा के साथ मरने का अधिकार' 'यानी राइट टू डाय विथ डिग्निटी' देने की दलील दी है।

एनजीओ ने याचिका में कहा है कि संविधान के आर्टिकल 21 के तहत जिस तरह नागरिकों को जीने का अधिकार दिया गया है उसी तरह उसे मरने का भी अधिकार है।

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Source : News Nation Bureau

Supreme Court euthanasia mercy killing
      
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