मप्र में पर्यटन बनाएगा महिलाओं को आत्मनिर्भर
मप्र में पर्यटन बनाएगा महिलाओं को आत्मनिर्भर
भोपाल 18 नवंबर:
मध्य प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में लगातार नवाचार किए जा रहे हैं, इसी क्रम में महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल विकासित करने का नवाचार किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल विकसित करने को लेकर पर्यटन बोर्ड, मध्यप्रदेश पुलिस और यूएन वूमेन इंडिया के बीच करार नामे पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस मौके पर राज्य की पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल विकास करने का नवाचार महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करेगा।
राजधानी के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री ठाकुर ने आगे कहा कि इस परियोजना से दिल खोल के घूमो, हिंदुस्तान के दिल में, आप सेफ हैं की टैगलाइन वाले लोगो में ऑरेंज रंग की महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। साथ ही सभी विभागों की उपस्थिति और सहयोग से आत्म-निर्भर भारत, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी। सभी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन जिम्मेदारी से करें। यह हमारी प्रशासनिक जिम्मेदारी के साथ-साथ नैतिक और सामाजिक दायित्व भी हैं।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव और टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल विकसित करना अपने आप में अनूठी परियोजना है। मध्यप्रदेश इसके क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाएगा। यह एक महत्वकांक्षी, समाचीन और समाज के लिए तत्कालिक रूप से आवश्यक परियोजना है। यह मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में प्रदेश की आधी आबादी को योगदान देने का मंच प्रदान करेगी। इससे पर्यटन और आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
शुक्ला ने बताया कि पर्यटन के हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में अधिक से अधिक महिला कर्मचारी रखे जाएंगे। विकसित किये जा रहे 50 पर्यटन स्थलों पर करीब 40 हजार महिलाओं को आत्म-रक्षा की ट्रेनिंग दी जायेगी। इसके साथ ही करीब 10 हजार महिलाओं को कौशल विकास अंतर्गत प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
यूएन वूमेन की भारत की प्रतिनिधि सुजेन जेन फर्गुसन ने कहा कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की इस महत्वपूर्ण परियोजना के साथ तकनीकी साझेदार बनने पर हमें अत्यधिक प्रसन्नता है। महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए एक ओर जहां हमें सामाजिक संवेदनशीलता और नीतिगत निर्णयों के लिए पैरवी करना होगी, वहीं आधारभूत संरचनात्मक ढांचे को भी बेहतर बनाना होगा। इस परियोजना में ये दोनों ही कार्य मध्यप्रदेश शासन कर रहा है, जिससे न केवल भारत अपितु सम्पूर्ण विश्व के लिए एक नजीर बन रही है।
यू.एन. वूमेन की जेंडर रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस टीम लीड अंजू दुबे पांडेय ने कहा कि वैश्विक स्तर पर महिला सुरक्षा एवं पर्यटन पर शोध और शोधपरक तथ्यों पर अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश की इस परियोजना के माध्यम से हमें इस दिशा में कार्य करने के लिये एक ²ष्टि प्राप्त होगी जो वैश्विक स्तर पर हमारा पथ प्रशस्त करेगी।
इस मौके पर विशेष पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) अरुणा मोहन राव ने कहा कि महिलाओं में सुरक्षा का बोध जागृत होने के लिए उनका प्रत्येक स्तर पर सशक्त होना आवश्यक है।
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