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CAA-NRC पर मुसलमानों को गुमराह कर रही हैं पार्टियां, मौलाना कल्‍बे जव्‍वाद का बड़ा बयान

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद ने देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और प्रस्‍तावित एनआरसी को लेकर बड़ृा बयान दिया है. कल्‍बे जव्‍वाद ने कहा, अभी तक हम यह नहीं जानते कि एनआरसी के क्‍या नियम होंगे और हम इसका विरोध किए जा रहे हैं.

Updated on: 21 Dec 2019, 03:07 PM

नई दिल्‍ली:

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद ने देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और प्रस्‍तावित एनआरसी को लेकर बड़ृा बयान दिया है. कल्‍बे जव्‍वाद ने कहा, अभी तक हम यह नहीं जानते कि एनआरसी के क्‍या नियम होंगे और हम इसका विरोध किए जा रहे हैं. CAA और एनआरसी (NRC) दोनों दो अलग-अलग चीजें हैं. NRC अब तक केवल असम में लागू किया गया है और देश में अभी लागू नहीं है और हम यह भी नहीं जानते कि इसमें क्या कायदे-कानून होंगे. राजनीतिक दल इस मुद्दे पर मुसलमानों को गुमराह कर रही हैं. उन्‍होंने मुसलमानों से अपील की कि वे इस संवेदनशील मुद्दे पर संयम से काम लें.

कल्‍बे जव्‍वाद से पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC का समर्थन किया था. बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हैं और राष्ट्र कि सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता. उन्होंने इस कानून में शिया मुसलमानों को भी शामिल किए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुसलमान शिया मुसलमान पर भी जुल्म करते हैं, भारत सरकार हमारी बात पर विचार कर रही है.

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वसीम रिजवी ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा सबसे ऊपर है जिससे कोई समझौता नहीं हो सकता. NRC और CAA राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित हैं. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड इसका समर्थन करता है. सुन्नी कट्टरपंथी मुसलमान सरकार विरोधी पार्टियों की साजिश का शिकार हो गए हैं, जो सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

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उन्‍होंने कहा, शियाओं को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहिए. क्योंकि शियाओं पर सुन्नियों की ज्यादती का ब्यौरा देते हुए एक प्रतिवेदन भारत सरकार को सौंपा है कि शिया भी इन मुसलमानों के जुल्म का शिकार हैं. शियाओं की भी इस बिल में शामिल करना चाहिए, इस पर विचार हो रहा है.