क्या LGBTQ के लिए भी शामिल होगा गोद लेने का कानून ? संसदीय समिति ने की सिफारिश

संसद की स्थायी समिति की बैठक के बाद समिति ने सिफारिश की है कि गोद लेने की प्रक्रिया में सबके लिए एक समान व्यापक कानून लाने की जरूरत है.

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Chirag Sukhija
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UCC Issue

Parliamentary Committee recommends adoption law to be included in LGBT( Photo Credit : IANS)

भारत में बच्चा गोद लेने का कानून तो काफी सरल और कम समय लगने वाला है. लेकिन शायद फिर भी इसमें कुछ खामियां हैं. इन्ही खामियों को चिन्हित करने के लिए बीजेपी नेता सुशील मोदी की अध्यक्षता में संसद की स्थायी समिति ने समीक्षा बैठक की. इस बैठक के बाद समिति ने सिफारिश की है कि गोद लेने की प्रक्रिया में सबके लिए एक समान व्यापक कानून लाने की जरूरत है. सिफारिश में कानून को धर्म, जाति से परे सबपर एक साथ लागू करने की बात कही गई है. इसके अलावा इसमें LGBTQ समुदाय को भी शामिल करने का जिक्र किया गया है. 

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'आसान और सबके लिए एक समान हो प्रक्रिया'

संसद की स्थायी समिति की सिफारिश में कहा गया है कि, "हिंदू दत्तक ग्रहण और रखरखाव अधिनियम (HAMA) और किशोर न्याय अधिनियम (JJ Act) की अपने खूबियां और खामियां हैं.  हालांकि दोनों HAMA से प्रक्रिया सरल और JJ अधिनियम की वजह से प्रक्रिया में कम समय लगता है, लेकिन दोनों में तालमेल बिठाने की जरूरत है. इसके अलावा सभी के लिए एक जैसा काननू स्थापित करने की आवश्यकता है."

'कम दस्तावेजों से पूरी हो प्रक्रिया'

समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया भी पहले से ज्यादा लचीली और आसान होनी चाहिए. गोद लेने की प्रक्रिया में पहले के मुकाबले कम दस्तावेज़ शामिल होने चाहिए. सिफारिश में इसके अलावा LGBTQ समुदाय के लिए भी कानून लागू करने की बात कही गई है. 

Source : News Nation Bureau

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