सेंट्रल विस्टा में चल सकता है संसद का शीतकालीन सत्र, 44 फीसद काम पूरा
मंत्री ने स्वीकार किया कि कोविड महामारी के कारण काम धीमा हो गया था, लेकिन अब यह गति पकड़ चुका है और इसे अक्टूबर तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरा किया जाना चाहिए.
highlights
- कोविड से सेंट्रल विस्टा का काम हो गया धीमा
- फिर भी शीतकालीन सत्र तक हो सकता है पूरा
नई दिल्ली:
संसद के शीतकालीन सत्र को नए भवन में आयोजित करने की योजना के साथ केंद्र सरकार का लक्ष्य इस साल अक्टूबर तक नए संसद परिसर का निर्माण पूरा करना है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने बताया कि इस साल नए भवन में संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने के प्रयास जारी हैं. किशोर ने कहा, 'सेंट्रल विस्टा परियोजना के हिस्से के रूप में नए संसद भवन का निर्माण चल रहा है और हमें अक्टूबर तक काम पूरा करने का विश्वास है. हम अक्टूबर तक परियोजना को पूरा करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं, ताकि नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित किया जा सके.' नए संसद भवन के निर्माण ने अब तक 44 प्रतिशत भौतिक प्रगति हासिल की है.
मंत्री ने स्वीकार किया कि कोविड महामारी के कारण काम धीमा हो गया था, लेकिन अब यह गति पकड़ चुका है और इसे अक्टूबर तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरा किया जाना चाहिए. किशोर ने कहा, 'कोविड काल में काम धीमा था. अब निर्माण कार्य अच्छी गति से चल रहा है और नया संसद भवन अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएगा.' 21 मार्च को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में किशोर ने सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान के तहत चल रहे विभिन्न कार्यों की स्थिति और प्रगति साझा की थी. मंत्री ने कहा, 'मास्टर प्लान के तहत, नए संसद भवन ने लगभग 44 प्रतिशत भौतिक प्रगति हासिल की है और अब तक सरकार ने परियोजना पर 480 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.'
किशोर ने उच्च सदन को यह भी बताया कि 'सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास' का लगभग 80 प्रतिशत काम अब तक पूरा हो चुका है और सरकार ने इस पर 441 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. किशोर ने कहा था, 'उपराष्ट्रपति के एन्क्लेव और आम केंद्रीय सचिवालय भवनों ने 3 प्रतिशत भौतिक प्रगति हासिल की है और सरकार ने अब तक उन पर 9 करोड़ रुपए और 243 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.' मंत्री ने राज्यसभा को बताया कि 2020-21 में काम शुरू होने के बाद से सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान के तहत विभिन्न कार्यों पर 419.55 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
मंत्री ने कहा था, '2021-22 में परियोजनाओं पर संभावित खर्च 1,423.00 करोड़ रुपये और 2022-23 में 2,285 रुपये होने की संभावना है.' किशोर ने आगे कहा कि सभी परियोजनाओं की नियमित रूप से आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा साप्ताहिक आधार पर निगरानी की जाती है, ताकि आम जनता को देरी और किसी भी असुविधा से बचा जा सके.
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