संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को काफी हंगामाखेज होने वाला है क्योंकि आज मोदी सरकार नागरिक संशोधन बिल पेश कर सकती है. आज सुबह 9.30 पर मोदी कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें इस बिल को मंजूरी मिल सकती है. वहीं संसद में इस बिल को गृह मंत्री अमित शाह पेश करेंगे. बता दें कि विपक्ष नागरिक संशोधन बिल का विरोध करती आई है. कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस बिल के विरोध में हैं. विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता बांट रही है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी या फिर अन्य विपक्षी नेता सभी ने इस बिल का विरोध करने का फैसला किया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार इस बिल के जरिए 1985 के असम अकॉर्ड का उल्लंघन कर रही है.
बता दें कि नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए नागरिकता संशोधन बिल 2019 पेश किया जा रहा है. इससे नागरिकता देने के नियमों में बदलाव होगा. इस संशोधन विधेयक से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारत की नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा. भारत की नागरिकता हासिल करने को अभी देश में 11 साल रहना जरूरी है, लेकिन नए बिल में इस अवधि को 6 साल करने की बात कही जा रही है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो