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Parliament security breach: 22 साल पहले भी हुई थी संसद की सुरक्षा में भारी चूक, जानें घटना के वक्त क्या था नजारा

Parliament security breach: 7 राउंड सिक्योरिटी के धता बताते हुए एक युवक देश संसद में गैस के गोले लेकर घुस जाता है. संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था. नेताओं व पत्रकारों आदि का आवागमन जारी था.

Updated on: 13 Dec 2023, 05:25 PM

highlights

  • शीतकालीन सत्र के बीच गैस के गोले लेकर पहुंचा युवक
  • संसद भवन में महिला आरक्षण बिल को लेकर हंगामा था जारी
  • पार्लियामेंट के अंदर नेता से लेकर कैमरामेन व सुरक्षा गार्ड थे मौजूद  

नई दिल्ली :

Parliament security breach: 7 राउंड सिक्योरिटी के धता बताते हुए एक युवक देश संसद में गैस के गोले लेकर घुस जाता है. संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था. नेताओं व पत्रकारों आदि का आवागमन जारी था. संसद के चारों और आधुनिक असलाह से लेस सुरक्षा गार्ड थे. लेकिन सबकी आंखों में धूल झोककर दो युवक गैस के गोले लेकर संसद की कार्रवाई में दाखिल हो जाते हैं. बामुश्किल संसंद सदस्यों की सूझबूझ से उन्हें दबोच लिया जाता है. लेकिन सवाल उठता है कि क्या इतनी सुरक्षा होने के बावजूद भी इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई. इसके पीछे किसी की साजिश तो नहीं. हालांकि दोनों युवकों को पुलिस की हिरासत में सौंप दिया गया है. आगे की कहानी क्या होगी इसका पता उनसे पूछताछ के बाद लग पाएगा. इससे पहले  13 दिसंबर 2001 में संसद पर आतंकी हमला हुआ था. लेकिन दोनों घटनाएं बिल्कुल अलग है. तारीख और माह जरूर वही चुना गया. लेकिन ये विरोध प्रर्दशन से ज्यादा कुछ नहीं लग रहा. 

13 दिसंबर 2001 में क्या हुआ था
13 दिसंबर 2001 को भी संसद पर बड़ा हमला हो चुका है. उस समय भी बीजेपी की सरकार थी. साथ ही प्रधानमंत्री अटल बिहारी सहित तमाम सांसद पार्लियामेंट के अंदर मौजूद थे. उस समय की विपक्ष की नेता सोनिया गांधी भी संसद में मौजूद थी. फिर 11 बजकर लगभग दो मिनट पर लोकसभा स्थगित हो गई. इसके बाद पीएम वाजपेयी और सोनिया गांधी अपनी अपनी गाड़ियों के साथ संसद से निकल पड़े. सांसदों को ले जाने के लिए सरकारी गाड़ियां गेट पर लग चुकी थी. यही नहीं देश के उपराष्ट्रपति कृष्ण कांत का काफ़िला भी संसद के गेट नंबर 12 से निकलने के लिए तैयार था.तब आतंकियों ने हमले की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. 

13 दिसंबर 2023 में क्या था सीन
तकरीबन 1 बजे, जब लोकसभा की LIVE कार्यवाही चल रही थी, दो शख्स विजिटर गैलरी से अचानक सदन के बीच कूद जाते हैं. उनमें से एक शख्स, जूता निकालता नजर आता है फिर उसमें से कुछ निकालने की कोशिश करता है. सिर्फ 2 मिनट के अंदर ही दोनों युवक संसद से कनस्तर निकालते हैं. जिसमें पीला धुंआ निकल रहा था. वे कुर्सी की ओर भागने की कोशिश कर रहे थे. साथ ही कुछ नारे लगा रहे थे.ये देख संसद में अफरा तफरी मच जाती है. तभी कुछ सांसद मिलकर दोनों युवकों को पकड़ लेते हैं, फौरन सुरक्षाकर्मियी भी मौके पर पहुंच जाते हैं. हालांकि दोनों घटनाओं में बहुत बड़ा अंतर है. दिनांक और तारीख जरूर एक है लेकिन वो एक आतंकी हमला था. साथ ही ये विरोध प्रर्दशन नजर आ रहा है.  लेकिन  गैस के गोले लेकर संसद में घुसना जरूर एक बड़ी चूक नजर आती है.