logo-image

Parliament Security Breach: संसद में 3 लोगों के कूदने की थी योजना, जानें कौन है तीसरा शख्स?

Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में बड़ा खुलासा, सदन में कूदने की दो नहीं तीन लोगों की थी तैयारी, अंतिम पलों में बदला गया प्लान

Updated on: 15 Dec 2023, 11:38 AM

highlights

  • संसद सुरक्षा सेंध मामले में आया बड़ा अपडेट
  • संसद में कूदने की दो नहीं तीन लोगों की थी योजना
  • तीसरे शख्स ने खुद पुलिस को किया सरेंडर दी बड़ी जानकारी

:

Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा में सेंध को लेकर लगातार नए अपडेट सामने आ रहे हैं. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि अभी भी कुछ लोगों की तलाश जारी है. इस बीच एक और बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल संसद में दो नहीं बल्कि तीन लोगों के कूदने की योजना था. लेकिन एन वक्त पर इस योजना को बदला गया है और तीन की जगह दो ही लोग दर्शक दीर्घा से सदन में कूदे. ये तीसरा शख्स कौन था जो अपने दो साथियों के साथ सदन में कूदने वाला था. इस सवाल का जवाब भी हर कोई जानना चाह रहा है. 

तीसरे शख्स ने खुद किया सरेंडर
सदन में कूदने वाले तीसरे शख्स का नाम महेश शर्मा बताया जा रहा है. खास बात यह है कि इस तीसरे शख्स ने खुद पुलिस को सरेंडर भी किया है. महेश शर्मा का कनेक्शन इस मामले के मास्टरमाइंड ललित झा से भी बताया जा रहा है. 

यह भी पढ़ें - Parliament Security Breach: आरोपियों के कब्जे से मिले पर्चे ने किया खुलासा,

स्मोट अटैक में था शामिल
मिली जानकारी के मुताबिक महेश ने अपने बयान में कहा है कि, वह भी अपने दो अन्य साथियों के साथ स्मोक अटैक वाली घटना में शामिल होने वाला था. लेकिन अचानक प्लान ही बदल दिया गया और महेश को इस घटना से दूर कर दिया गया. 

क्यों बदला गया अचानक प्लान?
संसद में स्मोक अटैक का प्लान अचानक बदलने के पीछे भी खास वजह बताई जा रही है. दरअसल ये आशंका जताई जा रही है कि जब घटना को अंजाम देकर भागना होगा तो आरोपियों को आश्रय कौन देगा और कहां देगा इसका इंतजाम करने के लिए महेश को संसद में कूदने के लिए नहीं भेजा गया. हालांकि इसके बाद पूरी स्थिति ही बदल गई. 

नागौर में ही रहने को कहा गया
जब प्लान को अंतिम रूप दिया जा रहा था उस दौरान ही इसमें बदलाव किया गया और महेश को नागौर में ही रहने के लिए कहा गया. महेश को कहा गया था कि जब ये लोग घटना को अंजाम देने के बाद भागेंगे तो सीधा उसके पास आएंगे. महेश को आरोपियों के रुकने का इंतजाम करने को कहा गया था. 

लेकिन महेश को घटना के बाद जब समझ में आ गया पुलिस उसे जल्द ढूंढ निकालेगी तो उसने खुद ही पुलिस को सरेंडर कर दिया. पुलिस के मुताबिक महेश शर्मा पेशे से मजदूर है. हालांकि उसने अब तक इस प्लान से जुड़ने के पीछे कोई खास वजह नहीं बताई है. 

महेश के साथ कैलाश नाम के शख्स ने भी सरेंडर किया है. ये दोनों ही चचेरे भाई हैं. ललित झा घटना के बाद फरार हुआ तो इन दोनों से ही संपर्क में रहा. महेश ने ललित झा के रुकने की व्यवस्था की और होटल में कमरा दिलवाया. इसके अलावा सभी मोबाइल फोन को गायब करने में भी महेश और कैलाश ने अहम भूमिका निभाई. फिलहाल पुलिस की स्पेशल सेल इन दिनों से ही गायब मोबाइल फोन को लेकर पूछताछ कर रही है. बता दें कि अब तक इस मामले में 9 लोगों को पकड़ा जा चुका है.