वित्त विधेयक 2017 संसद से पारित, राज्यसभा के प्रस्तावित संशोधनों को लोकसभा ने किया खारिज

वित्त विधेयक 2017 गुरुवार को संसद से पारित हो गया। लेकिन राज्यसभा के प्रस्तावित संशोधनों को लोकसभा ने खारिज कर दिया।

author-image
Jeevan Prakash
एडिट
New Update
वित्त विधेयक 2017 संसद से पारित, राज्यसभा के प्रस्तावित संशोधनों को लोकसभा ने किया खारिज

लोकसभा में चर्चा के दौरान अरुण जेटली (PTI)

वित्त विधेयक 2017 गुरुवार को संसद से पारित हो गया। लेकिन राज्यसभा के प्रस्तावित संशोधनों को लोकसभा ने खारिज कर दिया। यह विधेयक चूंकि धन विधेयक है, इसलिए अब यह मंजूरी के लिए सीधे राष्ट्रपति के पास जाएगा, जिसके बाद कानून की शक्ल ले लेगा।

Advertisment

लोकसभा ने राज्यसभा की किसी भी सिफारिश को स्वीकार नहीं किया, इसलिए यह विधेयक ठीक उसी रूप में पारित हो गया, जिस रूप में लोकसभा ने उसे पारित किया था।

संशोधनों पर लोकसभा में संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'वित्त विधेयक में राज्यसभा द्वारा प्रस्तावित पांचों संशोधनों को मैं स्वीकार नहीं कर सकता।'

संविधान के अनुच्छेद 109 के प्रावधानों के मुताबिक, धन विधेयक के संदर्भ में राज्यसभा की शक्तियां सीमित है। धन विधेयक पर राज्यसभा की सिफारिशों को मानने के लिए लोकसभा बाध्य नहीं है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बुधवार को राज्य सभा में उस वक्त असहजता का सामना करना पड़ा, जब वित्त विधेयक, 2017 को लोकसभा में लौटाने से पहले विपक्ष द्वारा प्रस्तावित पांच संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया।

संसद के ऊपरी सदन ने विधेयक पर पांच घंटों से अधिक समय तक चर्चा की, जो दो दिनों तक चली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है।

विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर राज्यसभा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था।

कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने संशोधन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि विधेयक आयकर अधिकारी को बिना कारण बताए परिसर की तलाशी का अधिकार प्रदान करता है।

सरकार द्वारा राजनीतिक पार्टियों की वित्तपोषण प्रणाली में सुधार पर हुड्डा ने कहा कि चुनावी बॉण्ड केवल वित्तपोषण की अस्पष्टता में इजाफा करेगा।

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा चंदे की सीमा को घटाकर दो हजार करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि यह चार्टर्ड अकाउंटेंट के काम को और बढ़ाएगा।

कांग्रेस सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि वित्त विधेयक 2017 के कुछ प्रावधान देश के संघीय ढांचे को कमजोर करते हैं, सरकार को नागरिकों की जासूसी करने में सक्षम बनाते हैं और कारोबारियों के बीच भय का वातावरण पैदा करते हैं।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने में आधार कार्ड के इस्तेमाल के प्रावधान का कड़ा विरोध किया।

येचुरी ने कहा, "आप आज ऐसा क्यों कह रहे हैं कि आईटीआर दाखिल के लिए मुझे आधार कार्ड की जरूरी है? फिर मेरे पैन कार्ड का क्या मतलब?" उन्होंने कहा कि अगर सरकार आधार को अनिवार्य करना चाहती है, तो इसके लिए उसे सीधे एक विधेयक लाना चाहिए।

और पढें: SP नेता ने सचिन और रेखा को दी सलाह, रुचि नहीं तो राज्यसभा से इस्तीफा दे दें

कांग्रेस नेता तथा पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा, 'अगर पेंटागन हैक हो सकता है, तो फिर आप (सरकार) आधार के माध्यम से आयकर तथा बैंक खाते को हैक होने से कैसे बचाएंगे।'

विपक्षी सदस्यों ने चुनाव सुधार के नाम पर राजनीतिक दलों को कॉरपोरेट वित्तपोषण की 'अधिकतम सीमा हटाने' पर चिंता जताई।

सदस्यों ने कई न्यायाधिकरणों को बंद करने या उनका विलय करने तथा कारोबारी विवाद निपटाने के लिए न्यायाधिकरणों के अध्यक्षों की एक तरफा नियुक्ति पर भी चिंता जताई।

और पढ़ें: पाक के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा, कश्मीर मुद्दे पर हुर्रियत तीसरा पक्ष नहीं (Video)

HIGHLIGHTS

  • वित्त विधेयक 2017 संसद से पारित, राज्यसभा के प्रस्तावित संशोधन लोकसभा ने किया खारिज
  • जेटली ने कहा, वित्त विधेयक में राज्यसभा द्वारा प्रस्तावित 5 संशोधनों को मैं स्वीकार नहीं कर सकता
  • अब वित्त विधेयक राष्ट्रपति के पास जाएगा, जिसके बाद कानून की शक्ल ले लेगा

Source : IANS

Arun Jaitley parliament Lok Sabha Finance Bill rajya-sabha
      
Advertisment