राज्यसभा और लोकसभा कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित
ससंद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया था.विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा और लोक सभा को कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
highlights
- लोकसभा अध्यक्ष बिरला बोले, जनता चाहती है कि संसद चले.
- राज्यसभा और लोक सभा को कल 11 बजे तक के लिए स्थगित
- विपक्षी पार्टियों ने मंहगाई समेत अनेक मुद्दों पर किया प्रदर्शन
नई दिल्ली:
ससंद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया था. वहीं आज विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा और लोक सभा को कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. विपक्षी पार्टियों ने आज भी महंगाई, डेयरी और खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने और अग्निपथ योजना को वापस लेने के लिए हंगामा किया. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और TRS सांसदों ने मानसून सत्र के तीसरे दिन महंगाई और रोजमर्रा की चीजों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संयुक्त रुप से विरोध प्रदर्शन किया.
इसी बीच कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जन प्रतिनिधि होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि हम ऐसे मुद्दों को उठाएं. बीजेपी सरकार ने 140 करोड़ जनता पर हमला किया है. इसलिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं, सभी राज्यो में प्रदर्शन करेंगे. जब तक GSTवापस नहीं होगी हम लड़ते रहेंगे.
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विपक्षी दलों के नेता ने NCP शरद पवार के आवास पर की मुलाकात
बता दें सत्र शुरू होने से पूर्व सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के अलावा विपक्षी दलों के नेताओं ने इस पूरे सत्र की रणनीति बनाने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर मुलाकात की थी. वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि अलग-अलग विभागों द्वारा 32 विधेयकों को संसद के इस सत्र में पेश करने का संकेत दिया गया है, जिनमें से 14 विधेयक तैयार हैं. लेकिन हम बिना चर्चा के विधेयक को पारित नहीं करेंगे.
बयानबाजी को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, मैं उन सदस्यों से कहना चाहता हूं जो बयानबाजी कर रहे हैं कि वो चर्चा में हिस्सा लें. जनता चाहती है कि संसद चले. वहीं केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना सरकार के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र ने तेलंगाना में समग्र आपदा राहत के लिए पिछले 8 वर्षों में लगभग 3,000 करोड़ रुपये और 2018 से 1,500 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए हैं. टीआरएस का यह बयान कि तेलंगाना को 2018 से एनडीआरएफ के तहत सहायता नहीं दी गई, ये भ्रामक है.
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