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लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 17 सितंबर 2018 को लोकसभा में नए सिरे से तीन तलाक़ बिल पेश किया गया. इससे पहले मॉनसून सत्र के दौरान तीन तलाक़ बिल को लोकसभा में पारित करा लिया गया था लेकिन राज्य सभा में यह पास नहीं हो पाया. जिसके बाद सितंबर महीने में तीन तलाक़ को लेकर मोदी सरकार अध्यादेश लेकर आई और इसे लागू करा दिया. बता दें कि अध्यादेश की अधितकम सीमा 6 महीने की होती है. इस दौरान सरकार को सत्र के दौरान बिल को दोनों सदनों मे पास कराना होता है, जिसके बाद वो पूर्णत: क़ानून बन पाता है.
गुरुवार को शीतकालीन सत्र के शुरू होते ही तीन तलाक़ बिल पर चर्चा शुरू हुई. वहीं विपक्ष बार-बार तीन तलाक बिल को संयुक्त चयन समिति के पास भेजने की मांग करने लगी. वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि महिलाओं के हक़ के लिए सभी पार्टियां साथ आएं. बता दें कि लोकसभा में तीन तलाक बिल कराने के लिए बीजेपी ने पहले ही अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हीप जारी किया है, वहीं कांग्रेस ने भी अपने सांसदों को व्हीप जारी कर सदन में उपस्थित रहने को कहा है.
Source : News Nation Bureau
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