संसद सत्र से पहले विपक्षी दलों संग सर्वदलीय बैठक के बाद सोमवार को 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया. इस सत्र में तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही बजट भी पारित किया जाएगा, वहीं सरकार के प्रमुख एजेंडे तीन तलाक सहित 10 महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार अपना पहला बजट पांच जुलाई को संसद में पेश करेगी.
संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा- आज से एक नया सत्र शुरू हो रहा है, इस सत्र के शुरुआत के साथ नई उम्मीदें और सपने हैं. आजादी के बाद से इस लोकसभा चुनाव में सबसे अधिका महिला मतदाता और सांसद देखी गई.
इसके साथ ही पीएम ने कहा, 'कई दशकों के बाद एक सरकार ने दूसरे कार्यकाल के लिए पूर्ण बहुमत हासिल किया है. जनता ने हमें फिर से देश की सेवा करने का अवसर दिया है. मैं सभी विपक्षी दलों से अनुरोध करता हूं कि वो उन सभी फैसलों का समर्थन करें जो लोगों के पक्ष में हैं.'
विपक्ष को लेकर मोदी ने कहा, 'पक्ष-विपक्ष को छोड़ निष्पक्ष की तरह काम करें . हम आने वाले 5 सालों के लिए सदन की गरिमा को ऊपर उठाने का प्रयास करेंगे,' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'एक सक्रिय कि भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. विपक्ष को अपनी संख्या को लेकरव परेशान होनी जरूरत नहीं है. मुझे उम्मीद है कि वो अपनी सक्रियता दिखाएंगे और संसद की कार्यवाही में भाग लेंगे.'
बता दें कि लोकसभा में एनडीए के पास 545 में से 353 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा में 245 में से 102 सदस्य एनडीए के हैं. राज्यसभा में एनडीए के अल्पमत में होने से 'तीन तलाक' जैसे बिल के पास कराने में दिक्कत हो सकती है. तीन तलाक सहित कई बिलों को राज्यसभा में इस सत्र में पेश किया जाना है. पिछली लोकसभा में तीन तलाक बिल राज्यसभा में अटक गया था. ना केवल विपक्ष बल्कि बीजेपी के सहयोगी दल नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इसका विरोध किया था.
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तीन तलाक के अलावा सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक, 2019 और आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2019 शामिल हैं. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को दंडनीय अपराध बनाता है. इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों की आपत्तियों का सामना करना पड़ा था. बजट सत्र 26 जुलाई तक चलेगा.