Rajya Sabha: NPR के लिए कोई दस्तावेज की जरूरत नहीं है: बोले अमित शाह
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण गुरुवार को भी जारी है. लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा हो रही है.
दिल्ली:
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण गुरुवार को भी जारी है. लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा हो रही है. राज्यसभा में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह साफ है कि दिल्ली पुलिस हिंसा में शामिल लोगों की मदद की. जिसकी वजह से मासूमों की जान गई. जिनकी जान गई वो दिल्ली दंगे में नहीं शामिल थे.
शाह ने बताया- पुनर्वास और सहायता के लिए सरकार क्या कर रही है वह मैं कल दे दूंगा. दिल्ली सरकार भी अच्छा कर रही है और केंद्र भी कर रही है.
अमित शाह ने कहा- जिनकी जानें गयी गई है, जिनके घर जले है, मकान दुकान जले है, शारीरिक नुकसान पहुंचा है आप भरोसा रखना, कोई दंगाई नहीं छूट पायेगा, चाहे वह किसी भी दल का हो, किसी भी जाति,धर्म का हो.
अमित शाह ने कहा- देश में हुए दंगों में मारे गए 76 फीसदी लोग कांग्रेस के शासन के दौरान मारे गए. गुजरता दंगे को छोड़कर कोई दंगा नहीं हुआ. इनके वक्त दंगे हुए तो इन्होंने शांत कराने की कोशिश की.सोशल मीडिया के यूजर, सभी पार्टी के लोगो से विनती करना चाहते है कि ऐसा कुछ न करे जिससे जख्म हरे ना हो.
दिल्ली हाई कोर्ट के जज के ट्रांसफर के सवाल पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा- सरकार सिर्फ निर्णय लेती है लेकिन सिफारिश सुप्रीम कोर्ट का कलीजियम करता है. इस संबंध में सिफारिश 12 फरवरी को ही आ गई थी, सिर्फ आदेश उसके बाद जारी हुआ.एक जज हमारे साथ न्याय करेंगे, बाकी अन्याय करेंगे. यह कैसी मानसिकता है.जजो के ट्रांसफर में सरकार का दखल बहुत कम से कम हो सकता है. सिर्फ हम वापस भेज सकते है.
अमित शाह ने कहा- 17 को एक युवा ने भाषण दिया नागपुर में कहा कि जब ट्रम्प आये तो हम शक्ति प्रदर्शन करें. एंटी सीएए प्रोटेस्ट धीरे-धीरे दंगे में कन्वर्ट हुआ.
अमित शाह ने कहा- दिल्ली में प्रदर्शन करने की जगहें भी निश्चित हैं. हमने भी प्रदर्शन किए हैं, आपने भी किए हैं, मेरा कहना है कि इस तरह प्रदर्शन मत कीजिए जिससे लोगों को नुकसान हो. 14 फरवरी को रामलीला मैदान में कहा जाता है कि सड़क पर निकलिए, आर-पार की लड़ाई लड़िए नहीं तो कायर कहलाएंगे.
शाह ने कहा- अभी चर्चा दिल्ली हिंसा के बारे में हो रही है, हेट स्पीच के बारे में हो रही है तो उस पर चर्चा कर लेते हैं.
अमित शाह ने कहा-एक शंका का वातावरण मुसलमान भाइयों के मन में हैं, जिसका निराकरण करना चाहिए.
अमित शाह ने कहा- गुलाम नबी आजाद सबसे वरिष्ठ हैं. आनंद शर्मा हमारे गृह समिति के सदस्य हैं. आप मेरे पास आइए, मैं चर्चा को तैयार हूं. अफसरों की उपस्थिति में जो भी चर्चा करना चाहते हैं, आए. आनंद शर्मा स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैंन है. वे आए. एनपीआर के लिए कभी भी आ जाइये, एक दो दिन में मैं समय दूंगा.CAA और एनपीआर पर भ्रांति बंद करने का समय आ गया है.
अमित शाह ने कहा- एनपीआर में कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा, जितनी सूचना आपको देना है दे. जितनी सूचना नहीं देनी वह आप नहीं देंगे. इसके लिए आप आजाद है. कोई भी डी लगाने वाला नहीं है. इस देश मे किसी को एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नही है. कोई D नहीं लेगा.
कपिल सिब्बल के सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा-मैं कितने भाषण कोट कर सकता हूं सिब्बल साहब की पार्टी कर नेताओ के जो कहते है CAA मुसलमानों के खिलाफ है.
अमित शाह के बयान पर कपिल सिब्बल ने कहा- कोई यह नहीं कह रहा है कि सीएए से किसी की नागरिकता छिनेगा. जब एनपीआर होगा तो 10 सवाल और पूछे जाएंगे और फिर D यानी डाउट फूल लगा देगा. यह सिर्फ मुसलमान नहीं बल्कि गरीब लोगों की नागरिकता छिनेगा.
अमित शाह ने हेट स्पीच पर कहा- हेट स्पीच सीएए आने के बाद शुरू हुआ. पूरे देश भर में मुस्लिम भाइयों के मन मे ये भरा गया कि यह आपकी नागरिकता लेने वाला है. देश भर के मुसलमान भाइयों से कहना चाहता हूं कि सीएए नागरिकता नहीं लेने वाला है. ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
अमित शाह ने विपक्ष पर वार करते हुए कहा- मैं भाषण को पॉलिटिकल नहीं करना चाहता. लेकिन मैं संजय सिंह के इमोशन को भी समझ सकता हूं.उनके कॉउंसिलर के घर से क्या क्या निकला है. हमें चांदनी चौक भी सम्भालना था, मुस्तफाबाद भी सम्भालना था. जहां हो सकते थे वहां भी हमें तैनाती करनी थी.
अमित शाह ने कहा-बहुत कम समय के लिए दंगा हुआ. पुलिस ने 36 घंटे में दंगे को कंट्रोल कर लिया. दोनों ओर से उकसाऊ होने के बाद 36 घण्टे में दंगा कंट्रोल किया गया.25 को 12 बजे हम बैठे थे. सीएम, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सहित सभी बैठे थे. तब कोई सुझाव नहीं आया था. 27 को यह सुझाव आया कि मिलिट्री लाओ.
अमित शाह ने कहा- किसी की जान चली गई. कोई अपाहिज हो गया. किसी का घर जल गया और क्या निजता की बात करते हो? पुलिस को ये अधिकार होना चाहिए कि जिसने दंगे किया है उसे कोर्ट के सामने खड़ा करे और कठोर से कठोर सजा दे. हमने निजता को को भंग नहीं किया है.
Amit Shah: Kisi ki jaan chali gai, koi apaahij hogaya, kisi ka ghar jal gaya, aur kya nijita ki baat karte ho? Police ko yeh adhikaar hona chaiye ki jisne danga kiya hai usko court ke saamne kadha kare, aur kathor se kathor saza di jaye. Humne nijita ka koi bangh nahi kiya hai. https://t.co/x7KODcQs1b
— ANI (@ANI) March 12, 2020
अमित शाह ने कहा- दंगों को, भड़काए वातावरण में दिल्ली पुलिस ने 4% इलाके में और 13% आबादी तक सीमित रखा. यह सफलता दिल्ली पुलिस की है. उसके मोरल के लिए जरूरी है कि उसपर आरोप ना लगाया जाए.
विपक्ष पर वार करते हुए अमित शाह ने कहा-निवेदन है कि मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं मुझपर आरोप लगाइए. दिल्ली पुलिस पर आरोप नहीं लगाइए. ऐसी कोई चीज की जाएगी जिससे दंगा करने वाले का रियायत हो.चाहे वो किसी धर्म या जाति का हो.
अमित शाह ने कहा- इसका रिपीटीशन न हो इसलिए दिल्ली में दंगाईयों से हर्जाना वसूलने के लिए क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति होगी. एलजी के माध्यम से ज़ज की नियुक्ति के लिए दिल्ली हाई कोर्ट को लिखा है जो ज़ज की नियुक्ति करेंगे.
राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- केवल ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी कार्ड का उपयोग चेहरे की पहचान के लिए किया जा रहा है. (# दोषियों में शामिल अपराधियों). आधार डेटा का उपयोग इसके लिए नहीं किया जा रहा है, जैसा कि मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा गलत तरीके से बताया गया है.
Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha: Only driving license and voter ID card is being used for face identification (of the culprits involved in #DelhiViolence). Aadhar data is not being used for it, as wrongly reported by some sections of media. pic.twitter.com/xzt9B7akho
— ANI (@ANI) March 12, 2020
अमित शाह ने बताया-सैकड़ों अकाउंट है जो दंगे फैलाने के लिए इस्तेमाल हुए. उसे दंगे के बाद बंद कर दिए गए. लेकिन उन्हें पताल से निकाल कर सजा देंगे
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा- 24 के पहले ही सूचना आ चुकी थी कि पैसे विदेश से भी आये है... देश से भी आये है और दिल्ली में भी बांटे गए है. जांच हो ही रही थी, इसी बीच दंगा हो गया.
अमित शाह ने कहा कि आरोपियों की सारी डिटेल हमारे पास हैं. जिन्हें पकड़ने के लिए 40 से ज्यादा विशेष दलों का गठन किया गया है.
अमित शाह ने कहा- 25 फरवरी की सुबह से ही दिल्ली के हर पुलिस थाने की शांति समिति की बैठक बुलानी शुरू कर दी थी.
अमित शाह ने कहा-सभी 50 गंभीर मामले में 3 एसआईटी स्तर पर बांटकर डीआईजी और आईजी लेवल पर जार हो रही है.49 मामले हथियार के है.52 लोग गिरफ्तार किया गया है. 125 हथियार जिनका इस्तेमाल हुआ जब्त किया गया है.
अमित शाह ने कहा- हिंसा मामले में अबतक 700 से ज्यादा एफआईआर हुई है. कुल 2647 लोगो को हिरासत में लिया गया है और गिरफ्तार किया गया है.
अमित शाह ने कहा- दंगे से जुड़े वीडियो पुलिस को मिले हैं. साइटिफिक तरीके से गिरफ्तारियां की जा रही है. हमारे देश में कोई कुछ भी नहीं छिपा सकता है.
अमित शाह ने कहा कि अपराधी किसी भी धर्म, जाति या पार्टी का हो. उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. उन्हें कानून के सामने लाया जाएगा.
Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha: The culprits, they may be of any religion, caste or party, they will not be spared. They will be brought before the law. #DelhiViolence pic.twitter.com/cyZsosdoaB
— ANI (@ANI) March 12, 2020
अमित शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा में पीड़ितों के साथ संवेदना है. भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पहले चर्चा नहीं की गई.
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा की गंभीरता से जांच की जा रही है. दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा.
शिरोमणि अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने राज्यसभा में कहा कि 23 फरवरी दिल्ली के इतिहास में काला दिन होगा. सांप्रदायिक आग ने शहर को दहला दिया, हथियारबंद गुंडों ने निर्दोष हिंदुओं और मुसलमानों पर हमला किया. हालांकि, पुलिस की प्रतिक्रिया अपर्याप्त थी. इसने मुझे 1984 की याद दिला दी जब 3 दिनों तक कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में मॉब द्वारा हिंसा का एक तांडव फैलाया गया था. लगभग 300 निर्दोष लोगों को दिल्ली की सड़कों पर नरसंहार किया गया था. केवल निष्पक्ष और पारदर्शी जांच आयोग ही सच्चाई का खुलासा कर सकता है.
Naresh Gujral, SAD in Rajya Sabha: This reminded me of 1984 when an orgy of violence was unleashed by mobs led by Congress leaders for 3 days. Almost 300 innocent people were massacred on streets of Delhi. Only impartial&transparent inquiry commission can reveal the truth. (2/2) https://t.co/qb9TlgCIMH
— ANI (@ANI) March 12, 2020
राज्यसभा में कांग्रेस नेता ने कहा- हिंसा वायरस के कारण हुई. सांप्रदायिक वायरस जो भाषण दे रहे लोगों द्वारा फैलाया गया था. मैं गृह मंत्री से पूछता हूं कि उन भाषण देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई.
Kapil Sibal, Congress in Rajya Sabha: The violence happened because of the virus, the communal virus that was spread by the people who were giving speeches. I ask the Home Minister why FIRs were not registered against those who delivered those speeches. #DelhiViolence pic.twitter.com/dCFYHGyLQZ
— ANI (@ANI) March 12, 2020
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