भारत के पहले मत्स्य पालन इनक्यूबेटर का गुरुग्राम में उद्घाटन

भारत के पहले मत्स्य पालन इनक्यूबेटर का गुरुग्राम में उद्घाटन

भारत के पहले मत्स्य पालन इनक्यूबेटर का गुरुग्राम में उद्घाटन

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IANS
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Parhottam Rupala

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

हरियाणा के गुरुग्राम में देश के पहले समर्पित बिजनेस फिशरीज इनक्यूबेटर का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने मंगलवार को कहा कि यह देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पीएमएमएसवाई के तहत मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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इनक्यूबेटर 3.23 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है, जिसे एलआईएनएसी-एनसीडीसी फिशरीज बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एल1एफ1सी) के रूप में जाना जाएगा। रियल मार्केट मत्स्य पालन स्टार्टअप को पोषित करने में मदद करेगा।

रूपाला ने कहा, इनक्यूबेशन यूनिट प्रशिक्षण, उद्यमशीलता के विचारों को बिजनेस मॉडल में बदलने और नए बिजनेस एंटरप्रेन्योर्स को इस सेगमेंट में बड़ा बनाने के लिए शुरुआती धन मुहैया कराएगी।

एलआईएफआईसी के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने चार राज्यों - बिहार, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में 10 इनक्यूबेटरों के पहले बैच की पहचान की है। उनमें से छह नवनिर्मित मछली किसान उत्पादक संगठनों से हैं, जिन्हें योजना के तहत वित्तीय अनुदान की सहायता प्राप्त है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, डेयरी क्षेत्र के विपरीत, सहकारी समितियों ने अभी तक मत्स्य पालन खंड में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। इसीलिए, एक अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई है, ताकि मत्स्य पालन सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियों को बढ़ावा मिले। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के दृष्टिकोण के साथ इस दिशा में हम जल्द ही मछुआरों और पशुधन व्यवसाय में शामिल लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर क्रेडिट कार्ड प्रदान करने के लिए एक अभियान शुरू करेंगे।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री एल. मुरुगन ने कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि मत्स्य पालन क्षेत्र हमेशा की तरह न केवल व्यवसाय करे, बल्कि हितधारकों की आय बढ़ाने में भी मदद करे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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