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पराली पर संसद में अंग्रेजी में चर्चा, 'किसान हैरत में कि शाबाशी मिली या लगा आरोप'

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) को लेकर संसद में दो दिनों से बहस हो रही है. लोकसभा और राज्य सभा दोनों में यह मुद्दा उठाया जा चुका है.

Updated on: 22 Nov 2019, 04:28 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) को लेकर संसद में दो दिनों से बहस हो रही है. लोकसभा और राज्य सभा दोनों में यह मुद्दा उठाया जा चुका है. शुक्रवार को संसद का माहौल उस समय हास्यास्पद हो गया जब बीजेपी सांसद ने कहा कि पराली पर संसद में बहस हो रही लेकिन किसानों को अंग्रेजी समझ नहीं आती.

शुक्रवार को संसद में दिल्ली के प्रदूषण को लेकर बहस हो रही थी. राज्यसभा (Rajya Sabha) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीपी वत्स ने कहा कि प्रदूषण (Pollution) और पराली जलाए जाने के मुद्दे पर पिछले दिनों से संसद में चल रही अधिकतर चर्चा अंग्रेजी में हो रही है. इस बहस को सुनकर दिल्ली और आसपास के राज्यों के किसानों को यह नहीं समझ में आ रहा है कि इसमें 'उन पर आरोप लगाया जा रहा है या उन्हें शाबाशी दी जा रही है.' डीपी वत्स के यह बोलते ही सदन में मौजूद सदस्यों के चेहरे पर मुस्कान आ गई.

डीपी वत्स पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में किसानों द्वारा पुआल और पराली के प्रबंधन से जुड़े मुद्दे पर पूरक प्रश्न पूछ रहे थे. उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण और पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में पुआल जलाने के विषय पर संसद में पिछले दो दिन चर्चा हुई. हैरानी की बात है कि पूरी बहस अंग्रेजी में की जा रही है कि जबकि किसानों को अंग्रेजी समझ नहीं आती. ऐसे में वह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि बहस में उन्हें शाबाशी दी जा रही है या उन पर आरोप लगाया जा रहा है.

प्रदूषण को लेकर जताई चिंता
संसद में बहस के दौरान बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की गई. संसद में मुद्दा उठा कि पराली जलाने पर किसानों को गिरफ्तार किया जा रहा है. हालांकि कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने इस प्रश्न के जवाब में कहा कि यह राज्य का विषय है और इस मामले में केन्द्र कुछ नहीं कर सकता.