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Parakram Diwas 2023: अंडमान-निकोबार के 21 द्वीप अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर

2018 में पीएम मोदी ने द्वीप की यात्रा के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व और नेताजी का सम्मान करने के लिए रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के रूप में रखा था.

Updated on: 23 Jan 2023, 08:14 AM

highlights

  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए 2021 में 23 जनवरी को पराक्रम दिवस घोषित किया गया
  • 2018 में अंडमान-निकोबार के रॉस द्वीप समूह का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के रूप में रखा गया था
  • अब द्वीप समूह के 21 बड़े अनाम द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने का निर्णय हुआ

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज पराक्रम दिवस पर 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं की याद में अंडमान और निकोबार द्वीप (Andaman and Nicobar Islands) समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण करेंगे. सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की जयंती मनाने के लिए 2021 में 23 जनवरी को पराक्रम दिवस घोषित किया था. इस बारे में पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, 'सोमवार को शौर्य दिवस (Parakram Diwas 2023) पर भारत माता के वीर सपूतों के सम्मान में विशेष कार्यक्रम होगा. सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसका हिस्सा बनूंगा. इस दौरान अंडमान-निकोबार के 21 अनाम द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा जाएगा.'

नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी होगा अनावरण
प्रधानमंत्री कार्यालय की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 'पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण करेंगे.' गौरतलब है कि 2018 में पीएम मोदी ने द्वीप की यात्रा के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व और नेताजी का सम्मान करने के लिए रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के रूप में रखा था. इसके साथ ही नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम भी बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया था. बयान में आगे कहा गया है, 'देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना हमेशा प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. इस भावना के साथ आगे बढ़ते हुए अब द्वीप समूह के 21 बड़े अनाम द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है.'

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इन परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर होगा द्वीपों का नामकरण
अंडमान-निकोबार के सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम पहले परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा, दूसरे सबसे बड़े अज्ञात द्वीप का नाम दूसरे परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा और इसी तरह यह क्रम आगे बढ़ेगा. यह कदम हमारे नायकों के प्रति एक चिरस्थायी श्रद्धांजलि होगी, जिनमें से कई राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान से भी पीछे नहीं हटे. इस क्रम में इन द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा गया है, जैसे मेजर सोमनाथ शर्मा; सूबेदार और मानद कप्तान (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, एमएम; सेकंड लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे; नायक जदुनाथ सिंह; कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, सीक्यूएमएच अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग अधिकारी निर्मलजीत सिंह सेखों; मेजर रामास्वामी परमेश्वरन; नायब सूबेदार बाना सिंह; कप्तान विक्रम बत्रा; लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे; सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (माननीय कप्तान) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव पर होगा.

संसद के सेंट्रल हॉल में नेताजी के चित्र पर चढ़ाए जाएंगे फूल
इससे पहले पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, लोकसभा और राज्यसभा के राजनीतिक दलों के नेता, संसद सदस्य, संसद के पूर्व सदस्य और अन्य गणमान्य लोग नेताजी की जयंती पर संसद के सेंट्रल हॉल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. गौरतलब है कि 23 जनवरी 1978 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति एन संजीव रेड्डी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र का अनावरण किया गया था. लोकसभा सचिवालय के अनुसार पुष्पांजलि देश के युवाओं के बीच इन महान राष्ट्रीय नायकों के जीवन और योगदान के बारे में अधिक ज्ञान और जागरूकता फैलाने में प्रभावी माध्यम के रूप में काम कर सकती है. इसी के अनुरूप लोकतंत्र के लिए संसदीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड), लोकसभा सचिवालय ने 'अपने नेताओं को जानिए' शीर्षक से कार्यक्रम भी शुरू किया है. 

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पिछले साल हुआ था इंडिया गेट र नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण
23 जनवरी 1897 को जन्मे नेताजी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की, जबकि 18 अगस्त 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में बोस की मौत पर विवाद है. केंद्र सरकार ने 2017 में सूचना का अधिकार में पुष्टि की थी कि इस घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी. गौरतलब है कि पिछले साल नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था.