पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने पूर्व की इमरान खान सरकार पर आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय कार्य योजना को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी।
बिलावल भुट्टो पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं। बिलावल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद का सामना करने के लिये सबकी सहमति के साथ कार्य योजना तैयार की गई है। बदकिस्मती से इमरान सरकार ने इसे ठीक से लागू नहीं किया।
उन्होंने दावा कि मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे।
बिलावल ने भारत द्वारा साल 2019 में कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर में जो हुआ है, उसके कारण अब भारत के साथ कूटनीतिक बातचीत के जरिये विवाद का हल निकालना संभव नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा कि भारत के आक्रामक तेवर के कारण इस समय कूटनीतिक बातचीत संभव नहीं है।
इससे पहले सुरक्षा परिषद् की बैठक में बिलावल अपने धुर विरोधी इमरान खान की रणनीति का पालन करते हुए किसी भी मुद्दे पर बस कश्मीर की ही बात करते रहे।
बिलावल ने बैठक के दौरान संघर्ष और खाद्य सुरक्षा विषय पर हो रही चर्चा के दौरान कश्मीर में चुनावी सीटों के परिसीमन का मसला उठाया और कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद तथा उसके प्रस्तावों पर हमला है।
उन्होंने बैठक में यह भी कहा कि भारत के किसान अपने देश को खिलाने से अधिक अन्न उपजाते हैं और बचे हुए अन्न को जरूरतमंद देशों को भेजते हैं लेकिन पाकिस्तान अपने देश के लिए भी पर्याप्त अन्न नहीं उपजा पाता है।
उन्होंने बैठक में अनोखा प्रस्ताव रखते हुए कहा कि वह उन लोगों को चुनौती देते हैं, जो खाद्य संकट की बात करते हैं। कश्मीर का मसला हल कीजिए, दक्षिण एशिया में शांति का दरवाजा खोलिए और तब देखिए कि किस तरह पाकिस्तान और भारत के किसान पूरी दुनिया को अन्न खिलाते हैं।
पाकिस्तान फिलहाल रूस से कम कीमत पर गेहूं खरीदने की जुगत में है।
संवाददाता सम्मेलन में इटली के एक रिपोर्टर ने झूठा दावा किया कि भारत ने गेहूं का निर्यात बंद कर दिया है फिर उसने बिलावल से इस पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी।
इस पर बिलावल ने कहा कि गेहूं का निर्यात बंद करना भारत सरकार का निर्णय है। इस तरह के कदमों और प्रतिबंधों को कई फोरम के जरिये हतोत्साहित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
सुरक्षा परिषद में बिलावल से एक घंटा पहले ही भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा था कि भारत ने सिर्फ वाणिज्यिक निर्यात को बंद किया है। जरूरतमंद देशों और पड़ोसी देशों को खाद्यान्न की आपूर्ति की जाती रहेगी।
अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका से मदद के बदले व्यापार और निवेश चाहता है।
अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते संबंधों पर बिलावल ने कहा कि उनका देश इसे लेकर असुरक्षित महसूस नहीं करता है। पाकिस्तान का मानना है कि दुनिया बहुत बड़ी है और यहां पाकिस्तान तथा भारत दोनों रह सकते हैं।
बिलावल ने सत्ता पर काबिज रहने की इमरान खान की कोशिश की तुलना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को रद्द करने के प्रयास से की।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि वहां सत्ता का हस्तांतरण सेना के हस्तक्षेप के बगैर हुआ है। उन्होंने कहा कि पहली बार विपक्ष की कुर्सी पर बैठा दल सीधे सत्ता की कुर्सी पर बैठा है।
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Source : IANS