पाकिस्तान सेना के कुछ जवानों ने वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) सशस्त्र मिलिशिया के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता की ओर से ट्विटर पर साझा किए गए एक बयान में यह जानकारी दी गई है।
पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ आजाकिया ने एक तस्वीर के साथ ट्विटर पर कहा, आत्मसमर्पण की परंपरा को बनाए रखते हुए.. मिराली, वजीरिस्तान में आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान टीटीपी द्वारा परेड करते हुए आत्मसमर्पण किए गए पाकिस्तानी सेना के जवान।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में कहा था कि सरकार प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ समूहों के साथ सुलह के लिए बातचीत कर रही है।
टीआरटी वल्र्ड के साथ एक साक्षात्कार के दौरान खान ने कहा, विभिन्न समूह हैं, जो टीटीपी में शामिल हैं और उनमें से कुछ शांति के लिए हमारी सरकार से बात करना चाहते हैं। इसलिए, हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं। यह एक सुलह प्रक्रिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार उन्हें हथियार डालने के लिए कह रही है, प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, हां, अगर वे सामान्य नागरिक बन जाते हैं तो हम उन्हें माफ कर देंगे।
यह पूछे जाने पर कि सरकार के साथ बातचीत के दौरान टीटीपी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमले क्यों कर रही थी, खान ने कहा कि यह सिर्फ हमलों का सिलसिला है।
उन्होंने कहा, हो सकता है कि हम अंत में किसी निष्कर्ष या समझौते पर नहीं पहुंच पाएं, लेकिन हम बात कर रहे हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में कि क्या अफगान तालिबान टीटीपी और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा है, खान ने कहा, चूंकि बातचीत अफगानिस्तान में हो रही है, इसलिए उस अर्थ में कह सकते हैं कि हां ऐसा ही है।
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Source : IANS