पाकिस्तान का विंटर प्लान एक्सपोज, सेना ने एंटी टेरर ग्रिड को अलर्ट मोड में डाला 

इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी के दूसरे तरफ पाकिस्तान में बैठे करीब 250 आतंकी सर्दियां शुरू होने से पहले बड़ी घुसपैठ की फिराक में है. सेना और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के पास इस तरह की लगातार जानकारियां आ रही हैं.

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Mohit Saxena
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Pakistan's Winter Plan Expose( Photo Credit : social media)

इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी के दूसरे तरफ पाकिस्तान में बैठे करीब 250 आतंकी सर्दियां शुरू होने से पहले बड़ी घुसपैठ की फिराक में है. सेना और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के पास इस तरह की लगातार जानकारियां आ रही हैं. बॉर्डर पार ट्रेनिंग कैंप में लश्कर, जैश और कई दूसरे आतंकी संगठनों के आतंकी ट्रेनिंग कैंप में मोजूद हैं और इन ट्रेनिंग कैंप से अब आतंकियों को एलओसी के बेहद करीब लॉन्चिंग पैड पर भेजा जा रहा है.  इन इनपुट के सामने आने के बाद सेना ने एंटी टेरर ग्रिड को और भी ज्यादा अलर्ट मोड में रखा है. सूत्रों के मुताबिक एंटी इंफिल्ट्रेशन ऑब्सट्रूकल सिस्टम से लेकर ड्रोन के जरिए बॉर्डर के हर हिस्से पर नजर रखी जा रही है. जवानों को भी निगरानी और लागतार पेट्रोलिंग करने के लिए कहा गया है. 

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सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी और सेना की मदद से आतंकी नवंबर में शुरू होने वाली बर्फबारी से पहले किसी भी तरह घुसपैठ करना चाहते है. घुसपैठ के लिए उड़ी, केरन, गुराज, चकोटी, तंगदार, पूंछ, राजौरी और पूंछ के अलग अलग इलाकों में ट्रेनिंग कैंप और लॉन्च पैड बनाए गए है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ के जिन गांव के आस पास ट्रेनिंग कैंप और लॉन्च पैड बताए जाते है वो इस तरह हैं.    

पोती छपरॉ, कतियार, फगवारी, देव रण्डी, शेयर, मंडोल, बटल, ट्रिनोट, शेआरा, रकार, बटा हलन , हेलन टाप घोंटा, सपाल टाप, रीड कटर, नेजा पीर, खोडी नुरकोट, नकयाल, डेरा शेर खान, बिंबरनाका, चतराली, सेरी, मरूठा, नगुन शेर, गुल्डी. पिछले 2 महीने से बॉर्डर पार से घुसपैठ की कोशिशें लगातार बड़ी है. अगस्त महीने में सेना ने एलओसी पर तीन बड़ी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया है. पहली कोशिश राजौरी के दरहाल में की गई जहां आतंकियों ने सेना के कैंप को निशाना बनाने की कोशिश की. लेकिन सेना के जवानों ने आतंकियों के उरी जैसा हमला करने की कोशिश को नाकाम कर दिया. सेना ने दोनो आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया. 

दूसरी कोशिश 21अगस्त को नौशेरा सेक्टर में की गई जहां फिदायीन हमला करने आए आतंकी को सेना ने जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी. जिंदा पकड़े गए आतंकी का नाम तबारक था. तबारक ने कैमरे पर कबूल किया था की उसे पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने ट्रेनिंग दी थी और पाकिस्तान में मोजूद 5 से 6 कैंप में भी जा चुका था. सेना ने अपने अस्पताल में उसका इलाज भी किया लेकिन हृदय गति रुकने से उसकी मौत हो गई.

तीसरी कोशिश  23 अगस्त को नौशेरा सेक्टर में की गई, जहां घुसपैठ करने आ रहे आतंकी सेना द्वारा लगाई गई लैंडमाइन की चपेट में आकर मारे गए. चौथी कोशिश 24 अगस्त को कश्मीरी के उरी सेक्टर में हुई जहा घुसपैठ कर रहे 3 आतंकी सेना की गोली का शिकार बन गए.

पांचवी घटनाः  6 सितंबर को जम्मू के अरनिया सेक्टर में हुई जहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ की पेट्रोलिंग पार्टी को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन बीएसएफ ने इस फायरिंग का पाकिस्तानी रेंजर्स को मुंहतोड़ जवाब दिया. बाद में पाकिस्तान द्वारा बुलाई गई फ्लैग मीटिंग में बीएसएफ ने फायरिंग पर कड़ा रुख कायम किया.

Source : Shahnwaz Khan

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