करतारपुर कॉरिडोर निर्माण के रूप रेखा पर पाकिस्तानी दल के साथ भारत की बातचीत जारी

यह कॉरिडोर पाकिस्तान के नारोवल जिले के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले को जोड़ेगा.

यह कॉरिडोर पाकिस्तान के नारोवल जिले के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले को जोड़ेगा.

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saketanand gyan
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करतारपुर कॉरिडोर निर्माण के रूप रेखा पर पाकिस्तानी दल के साथ भारत की बातचीत जारी

वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल (फोटो : ANI)

करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को मूर्त रूप देने के लिए भारत और पाकिस्तान के दल गुरुवार को अटारी-वाघा बॉर्डर पर चर्चा के लिए पहुंचे. पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल वाघा बॉर्डर पर पहुंचकर इस कॉरिडोर निर्माण योजना से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करेंगे. दोनों पक्षों की इस बैठक के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी 28 मार्च को इस्लामाबाद का दौरा करेंगे. दोनों देशों के बीच इस परियोजना पर बनी सहमति के 3 महीनों के बाद यह बैठक हो रही है. यह कॉरिडोर पाकिस्तान के नारोवल जिले के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले से जोड़ेगा.

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सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक अटारी-वाघा सीमा पर भारत की तरफ हो रही है. भारत इस बैठक में पाकिस्तान जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों की बाधा रहित यात्रा की बात रखने वाली है. साथ में, इस्लामाबाद से यह भी कह सकती है कि वह तीर्थयात्रियों को खालिस्तानी अलगाववादियों के प्रोपेगेंडा से बचाए.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस महत्वपूर्ण बैठक का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, 'एक स्वप्न को पूर्ण करने की प्रतिबद्धता.'

उन्होंने कहा, 'भारत व पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत शुरू हो गई है, जिससे भारतीय तीर्थयात्रियों को पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा में आसानी होगी.'

क्या है करतारपुर साहिब और कॉरिडोर

करतारपुर साहिब वह जगह है, जहां 1539 में गुरु नानक जी के निधन के बाद पवित्र गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था. यह पाकिस्तान में रावी नदी के नजदीक स्थित है. यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से चार किलोमीटर दूर है.

गुरुनानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल इसी स्थान पर बिताए थे. अगस्त 1947 में विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था. लेकिन सिख धर्म और ऐतिहासिक महत्व के कारण इस गलियारे की मांग लंबे समय से की जा रही थी.

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प्रस्ताव के मुताबिक, भारत पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक 2 किलोमीटर के गलियारे का निर्माण करेगा. वहीं पाकिस्तान को भी सीमा से नारोवल जिले में गुरुद्वारे तक करीब 2 किलोमीटर के गलियारे का निर्माण करना है.

यह गलियारा अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे सिख श्रद्धालुओं को 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती पर करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन का मौका मिलेगा.

Source : News Nation Bureau

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