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Video: पाकिस्तान में मांग मे सिंदूर लगाना गुनाह है, जानिए भारत आए शर्णार्थियों की कहानी

एक महिला शर्णार्थी ने बताया कि पाकिस्तान में तो हम हिंदूओं को बर्तनों में हाथ तक नहीं लगाने दिया जाता था, इतनी नफरत करते हैं पाकिस्तान के लोग.

Updated on: 23 Dec 2019, 03:24 PM

highlights

  • देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे हैं प्रदर्शन.
  • कई प्रदर्शन तो अब हिंसक भी होते जा रहे हैं जिनमें लोगों की जान तक चली जा रही है.
  • आईये जानते हैं नागरिकता संशोधन कानून पर हिंदू शरणार्थियों का क्या कहना है.

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, कहीं इसके विरोध में तो कहीं इसके पक्ष में. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बीजेपी ने विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के ऊपर आरोप लगाया है कि विपक्ष वोटबैंक की राजनीति करने के लिए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहा है और इस कानून के बारे में आम लोगों को बर्गला रहा है. जबकि विपक्षी पार्टियां सीएए का विरोध करते हुए इसको वापस लेने की मांग पर अड़ गई हैं. पीएम मोदी की 22 दिसबंर को हुई आभार रैली में उन्होंने कहा था कि नागरिकता देने का कानून बीजेपी का नहीं बल्कि पिछली सरकारों का है, हमारी सरकार ने तो बस इसे लागू किया है. इसी के साथ रैली में पीएम मोदी ने जानकारी दी कि ये कानून नागरिकता देने का है नागरिकता लेने का नहीं है, तो हमारे देश में रह रहे मुस्लिम भाइयों को परेशान होने की जरूरत ही नहीं है.

दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों को बहुत ही ज्यादा Confusion है, जिसको दूर करने के लिए बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में हिंदू शर्णार्थियों का दर्द दिखाया गया है. बीजेपी ने इस वीडियो को 'पीएम मोदी का आभार, हिंदू शरणार्थियों को मिला जीवन का आधार' के टाइटल के साथ लोगों के सामने रखा है.

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इस वीडियो में एक महिला कहती हुई नजर आती हैं कि उन्हें पाकिस्तान में बहुत तकलीफ थी, उनके 9 जवान बेटों को मुसलमानों ने दफना दिया गया, उनकी खुशियां उनसे छीन ली गईं, उनके बच्चे पढ़े लिखे नहीं है. आगे वो कहती हैं कि अब वो अपने मुल्क में आई हैं और खुश हैं, साथ ही साथ अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देना चाहती हैं.
जबकि एक दूसरी महिला ने बताया कि वो लोग काफी परेशान थे, उनकी लड़कियां और बच्चों को घर से बाहर निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता था, अगर वो बाहर निकलती थीं तो उनका सरे राह मजाक उड़ाया जाता था. उन्होंने आगे कहा कि अब हम अपने हिंदू देश में आ गए हैं, अब हमें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हैं, हम खुलकर जिंदगी जी रहे हैं.
एक दूसरे शर्णार्थी ने कि पाकिस्तान में उनके दीन-मजहब का कुछ पता ही नहीं चलता था. उन्होंने बताया कि वहां हिंदू मुसलमान में झड़पें ज्यादा होती थीं, उनके हिंदू मंदिर तोड़ दिए जाते थे और हमारी कोई इज्जत नहीं करता था लेकिन आज हम भारत में हैं और हमारी यहां इज्जत है.

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एक अन्य महिला शर्णार्थी ने बताया कि पाकिस्तान में तो हम हिंदूओं को बर्तनों में हाथ तक नहीं लगाने दिया जाता था, इतनी नफरत करते हैं पाकिस्तान के लोग. जबकि एक अन्य शर्णार्थी न बताया कि पाकिस्तान में हिंदूओं की मां-बेटियों को कोई भी छेड़ देता था, हम वहां अपनी बच्चियों को सिंदूर तक नहीं लगाने देते थे ताकी ये पता न चले कि हम हिंदू हैं. एक अन्य महिला शर्णार्थी ने बताया कि वो भारत आकर स्वतंत्र महसूस कर रही हैं और उन्हें ऐसा एहसास हो रहा है कि अभी हम जिंदा हैं.

एक अन्य शर्णार्थी कहता है कि पिछले 70 साल से वो पाकिस्तान में जुल्म सह रहे थे लेकिन अब भारत में आकर उन्हें खुशी का एहसास हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हम अपनी भारत माता के पास आए हैं, जय भारत जय हिंद.
पाकिस्तान से भारत आए ज्यादातर लोगों ने मोदी सरकार को नागरिकता देने के लिए धन्यवाद दिया है और लोग अपने देश भारत में आकर खुश हैं.

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