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पाकिस्तान ने संघर्ष विराम समझौता तोड़ एलओसी पर की गोलीबारी

200 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा और 744 किलोमीटर लंबी एलओसी के पास रहने वाले किसान पाकिस्‍तान की गोलीबारी का सबसे ज्‍यादा शिकार होते हैं.

Updated on: 03 May 2021, 02:43 PM

highlights

  • समझौते के दो माह बाद पाकिस्तान ने तोड़ा संघर्ष विराम
  • जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में सुबह की अकारण गोलीबारी
  • बीएसएफ के जवान थे एलओसी पर गश्त पर

जम्मू:

दो महीने से ज्यादा समय के बाद पाकिस्तानी रेंजरों ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सोमवार को अकारण संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. फरवरी में भारत और पाकिस्तान द्वारा फिर से शुरू किए गए युद्धविराम समझौते के पहले उल्लंघन में, पाकिस्तान ने रामगढ़ में सीमा बाड़ से आगे बीएसएफ के गश्ती दल पर अकारण गोलीबारी की. पाकिस्तानी गोलीबारी में किसी को भी चोट नहीं आई. बीएसएफ के मुताबिक आज सुबह पाकिस्तान रेंजर्स ने बीएसएफ की गश्त पर रामगढ़ सेक्टर में सुबह 6.15 बजे से अकारण गोलीबारी की. उनके खुद के सैनिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

लगभग दो माह रही शांति
इससे पहले मार्च में, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम समझौते को फिर से शुरू किए जाने के बाद से संघर्ष विराम उल्लंघन में 100 प्रतिशत की गिरावट आई है और घुसपैठ के कोई नए मामले सामने नहीं आए हैं. याद किया जाना चाहिए कि 4 फरवरी, 2021 को, भारत और पाकिस्तान ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर 1999 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित युद्ध विराम समझौते का कड़ाई से पालन करने पर सहमति व्यक्त की. सोमवार को इस साल फरवरी में दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान का पहला उल्लंघन हुआ है.

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744 किमी लंबी एलओसी
जानकारी के मुताबिक साबां सेक्टर के रामगढ़ इलाके में सुबह 6 बजे फायरिंग शुरू हो गई. पाकिस्‍तानी सेना की ओर से बीएसएफ की पट्रोलिंग पार्टी को निशान बनाया गया है. इससे पहले नवंबर 2003 में दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी. 200 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा और 744 किलोमीटर लंबी एलओसी के पास रहने वाले किसान पाकिस्‍तान की गोलीबारी का सबसे ज्‍यादा शिकार होते हैं. नए युद्धविराम समझौते के बाद, कठुआ जिले और जम्मू जिले के हीरानगर सेक्टर में किसान 18 साल के बाद गेहूं की खेती कर रहे थे लेकिन पाकिस्‍तान की ओर से जिस तरह से एक बार फिर फायरिंग की गई है, उससे किसानों में एक बार फिर डर बैठ गया है.