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टेरर फंडिंग मामला: NIA को मिला अहम सुराग, अलगाववादी नेता गिलानी का 'कैलेंडर' बरामद

एनआईए सूत्रों के मुताबिक अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के खिलाफ अहम सुराग मिला है। जांच एजेंसी ने रविवार को गिलानी द्वारा जारी प्रोटेस्ट कैलेंडर अलगाववादी नेता अल्ताफ शाह फंटूश के घर से बरामद किया है।

Updated on: 31 Jul 2017, 10:42 AM

highlights

  • NIA सूत्रों के अनुसार, अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी का प्रोटेस्ट कैलेंडर बरामद
  • कैलेंडर में तहरीक-ए-हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के हस्ताक्षर
  • एनआईए ने सैयद अली गिलानी के करीबी एक कारोबारी से की पूछताछ

नई दिल्ली:

आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान से धन प्राप्त करने के मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कार्रवाई जारी है।

एनआईए सूत्रों के मुताबिक, अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के खिलाफ अहम सुराग मिला है। जांच एजेंसी ने रविवार को गिलानी द्वारा जारी प्रोटेस्ट कैलेंडर अलगाववादी नेता अल्ताफ शाह फंटूश के घर से बरामद किया है। इस कैलेंडर में तहरीक-ए-हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के हस्ताक्षर भी हैं।

इसके साथ ही एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में रविवार को जम्मू के एक सामाजिक कार्यकर्ता और कारोबारी, देविंदर सिंह बहल से पूछताछ की।

इस कारोबारी को कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी का करीबी माना जाता है और आम तौर पर इसे मारे गए आतंकवादियों के जनाने में शामिल होते देखा गया है।

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एनआईए ने कहा कि उसने जम्मू एवं कश्मीर सोशल पीस फोरम (जेकेएसपीएफ) के अध्यक्ष, बहल के आवास व कार्यालय की तलाशी ली। जेकेएसपीएफ गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरवादी धड़े से संबद्ध है।

एनआईए ने एक बयान में कहा है कि तलाशी अभियान के दौरान चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट, कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज और वित्तीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

एनआईए ने दावा किया कि बहल गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत के कानूनी प्रकोष्ठ का सदस्य है। वह हुर्रियत के एक शीर्ष नेता का घनिष्ठ सहयोगी है और वह नियमित तौर पर मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होता था।

एजेंसी ने कहा कि वह बहल की एक संदेशवाहक के रूप में भूमिका की जांच कर रही है, क्योंकि उसपर संदेह है कि वह पाकिस्तान स्थित आकाओं से धन लेकर अलगाववादी नेताओं तक पहुंचाने में संलिप्त रहा है।

इससे पहले एनआईए ने आठ अलगाववादी नेताओं को कश्मीर घाटी में आतंकवादी वित्त पोषण के संबंध में गिरफ्तार किया था। इसमें शब्बीर शाह, अल्ताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेहराज कलवल, शाहिद-उल-इस्लाम, नईम खान और बिट्टा कराटे शामिल हैं।

इन आरोपियों को एनआईए ने पूछताछ के लिए रिमांड पर ले रखा है। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।

क्या है गिलानी के कैलेंडर में?

4 अगस्त 2016: कैलेंडर में सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन और लोगों को भड़काने की साजिश।

6 अगस्त 2016: लोगों को लोकल चौक और अलग-अलग जगह पर इकट्ठा होने को कहा गया, धरना प्रदर्शन की अपील।

8 अगस्त 2016: श्रीनगर के तरफ जाने वाली सभी सड़कों को ब्लॉक करना और लोगों को ड्यूटी ज्वाइन करने से रोकना और सभी को फोन कर के इस बात का दवाब बनाना क्यों ऑफिस ना जाएं।

9 अगस्त 2016: औरतों से अपील कि वह असर से मगरिब तक प्रदर्शन में शामिल हो और जगह-जगह इस्लामिक और आजादी के गाने मस्जिदों से बजाये जाएं।

10 अगस्त 2016: जम्मू कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षाबलों से को लेटर दिया जाए और उसे कहा जाए कि वह यहां से वापस जाएं।

11 अगस्त 2016: सभी भारत समर्थित राजनेताओं और सरपंचों से यह कहा जाए कि वह अपने पदों से त्यागपत्र दें और अपने अपने दरवाजे पर अपने त्यागपत्र की कॉपी चिपकाएं।

12 अगस्त 2016: आजादी के समर्थन में सभी इमाम को यह कहा गया कि मस्जिदों में लोगों को आजादी के लिए जागरूक करें और मस्जिद के दरवाजे पर आजादी के पोस्टर चिपका कर रखें।

13 अगस्त 2016: काले झंडे लेकर के प्रदर्शन में शामिल हों।

14 अगस्त 2016: पाकिस्तानी डे इस दिन पाकिस्तान के लिए स्पेशल प्रयोग किए जाएं नमाज किए जाएं और आजादी के हर मस्जिद में पूरे दिन गाने बजाया जाएं।

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15 अगस्त 2016: जम्मू कश्मीर में ब्लैक डे मनाया जाए काले झंडे लेकर के राजदूत कार्यालय के सामने प्रदर्शन हो अपने घरों के ऊपर भी काले झंडे रखें दुकान मार्केट और हर चौराहे पर काले झंडे लगाया जाएं।

16 अगस्त: औरतें प्रदर्शन में शामिल हों और आजादी के मस्जिदों में तराने और गाने बजे।

(इनपुट IANS से भी)