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पाकिस्‍तान ने कश्‍मीर पर निकाली खीझ, 370 हटाए जाने के बाद भारत के खिलाफ लिये ये 3 फैसले

पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने बुधवार को इस्लामाबाद में प्रधान मंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें अनुच्छेद 370 को रद्द करने का प्रस्ताव भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया था.

Updated on: 08 Aug 2019, 07:02 AM

नई दिल्‍ली:

जम्‍मू-कश्‍मीर की धारा 370 और अनुच्‍छेद 35A से मुक्‍ति लगता है पाकिस्‍तान को रास नहीं आ रही है. मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पाकिस्‍तान पूरी तरह बौखला गया है. उसकी बौखलाहट इस कदर बढ़ गई है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर रोक लगा दी है. पहले से ही कंगाली झेल रहे पाकिस्तान ने भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए हैं. वहीं अब पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करेगा. साथ ही कश्मीर मामले को यूएन में ले जाने की धमकी दी है. 

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने बुधवार को इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें अनुच्छेद 370 को रद्द करने का प्रस्ताव  भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया था. इसको लेकर पाकिस्‍तान की इमरान सरकार ने भारत के खिलाफ 3 निर्णय लिए. न्‍यूज ऐजेंसी ANI के मुताबिक भारत के साथ राजनयिक संबंध खत्म करेगा. यही नहीं वह भारत के उच्चायुक्त को वापस भेजेगा और भारत से अपने उच्चायुक्त को बुलाएगा. सबसे बड़ी बात उसने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बंद करने को कही है. वहीं इस मामले को सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की बात भी कही गई है. हालांकि भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्‍तान से मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है.


पाकिस्तान के इस कदम के बाद भारत के साथ सीमेंट, ताज़े फल और कपास का व्यापार करने वाले व्यापारी प्रभावित हो सकते हैं. भारत के कई व्यापारी पाकिस्तान से सीमेंट आयात करते रहे हैं. इससे पहले भी पुलवामा हमले के बाद जब भारत ने पाकिस्तानी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था तब दोनों देशों के बीच कारोबार को झटका लगा था. बिजनेसटुडे के मुताबिक, पाकिस्तान प्रतिवर्ष 112.8 मिलियन डॉलर के फलों का निर्यात करता है. सीमेंट का निर्यात प्रति वर्ष $78.3 मिलियन, कैमिकल्स का $60.4 मिलियन और खाद का निर्यात प्रति वर्ष $34.9 मिलियन है. इसके अलावा पाकिस्तान लेदर और लेदर के प्रोडक्ट भी भेजता/निर्यात करता है.

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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के मंत्री बौखलाए हुए थे. एक दिन पहले संसद के संयुक्त सत्र में भारत के साथ रिश्ते तोड़ने की मांग की थी. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के फैसले का देश में पक्ष के साथ विपक्ष ने भी सराहना की है, लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत का यह ऐतिहासिक फैसला रास नहीं आ रहा है.

पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने संसद के संयुक्त सत्र में भारत के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने की मांग की है. उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया एक अच्छे इंसान हैं, लेकिन वे एक फासिस्ट शासन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. अगर भारत हमसे कोई बातचीत नहीं करने वाला है तो अब कोई राजनयिक संपर्क नहीं होगा. ऐसे में हमारे उच्चायुक्त के वहां और उनके प्रतिनिधि के यहां होने का क्या मतलब है?.

बता दें कि भारत सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को वापस लिए जाने के खिलाफ पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र में मंगलवार को एक प्रस्ताव पेश किया गया था. सत्र की शुरुआत पाकिस्तान के संसदीय मामलों के संघीय मंत्री आजम खान स्वाती ने कश्मीर घाटी में भारतीय कदम की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया था.

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हालांकि, विपक्ष के हंगामे के बाद सीनेटर स्वाती ने सदन के समक्ष संशोधित प्रस्ताव पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 का उल्लेख था. पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (POK) के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर भी मंगलवार को संसद में मौजूद रहे. सत्र की अध्यक्षता नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने की. पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी, रेल मंत्री शेख रशीद, मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ संसद में मौजूद रहे.