पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारत के 'युद्ध विराम का उल्लंघन' करने की निंदा करने के लिए रविवार को फिर भारत के उप-उच्चायुक्त जे.पी. सिंह को तलब किया।
पाकिस्तान ने कहा कि इस कारण दो नागरिकों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। विदेश कार्यालय में दक्षिण एशिया शाखा के प्रमुख मोहम्मद फैजल ने भारतीय राजदूत को तलब किया और निकिआल सेक्टर में भारतीय सुरक्षा बलों के 'बिना किसी उकसावे के किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन' पर कड़ा विरोध जताया।
अधिकारी ने कहा, 'नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया जाना वास्तव में निंदनीय और मानवीय प्रतिष्ठा और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों और मानवीय कानूनों के विपरीत है।'
उन्होंने कहा, 'भारत के संघर्ष विराम का उल्लंघन क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और इससे गलत रणनीतिक संदेश जा सकता है।'
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, महानिदेशक ने भारतीय पक्ष से 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने और संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं की जांच करने का आग्रह किया है।
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बयान में कहा गया कि भारतीय सुरक्षा बलों के अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बिना उकसावे के अंधाधुंध गोलीबारी में मरने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। 18 और 19 जनवरी को की गई गोलीबारी में चार और निर्दोष नागरिक मारे गए, जबकि 20 अन्य घायल हो गए।
पाकिस्तान और भारत ने 2003 में नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम घोषित किया था। हालांकि, दोनों एक-दूसरे पर आए दिन संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप मढ़ते रहते हैं।
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Source : IANS