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पाकिस्तान आतंकवाद का खुलेआम कर रहा इस्तेमाल, इस माहौल में नहीं होगी बातचीत: जयशंकर

विदेश मंत्री ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का खुलेआम इस्तेमाल कर रहा है और जब तक वह इसकी वित्तीय मदद तथा आतंकी समूहों की भर्ती पर रोक नहीं लगाता तब तक उसके साथ बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है.

Updated on: 02 Sep 2019, 10:22 PM

नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा 'न्यूयॉर्क टाइम्स' में लिखे एक लेख का करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्री ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का खुलेआम इस्तेमाल कर रहा है और जब तक वह इसकी वित्तीय मदद तथा आतंकी समूहों की भर्ती पर रोक नहीं लगाता तब तक उसके साथ बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है.

दक्षिण एशिया पर परमाणु हमले का खतरा मंडरा रहा

बता दें कि अपने लेख में पाक पीएम ने लिखा था कि बातचीत तत्काल किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि दक्षिण एशिया पर परमाणु हमले का खतरा मंडरा रहा है. ब्रसेल्स में 'पॉलिटिको' को दिए एक इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान जब तक 'खुलेआम आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है' तो बातचीत का विचार बेकार है. जयशंकर ने कहा कि उन्हें खान द्वारा शुक्रवार को लिखा गया लेख पढ़ने का समय नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की वित्तीय मदद और आतंकी समूहों की भर्ती पर रोक नहीं लगाता तब तक बातचीत की कोई उम्मीद नहीं है. बता दें कि जयशंकर पिछले सप्ताह ब्रसेल्स में थे.

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पाकिस्तान आतंकवाद को दे रहा है लगातार बढ़ावा

उन्होंने कहा, 'आतंकवाद कोई ऐसी चीज नहीं है जो पाकिस्तान में अंधेरे कोनों में की जा रही हो. यह दिनदहाड़े हो रहा है.' पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा जनवरी 2016 में पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमला किए जाने के बाद से भारत पाकिस्तान से बात नहीं कर रहा है. भारत का कहना है कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.
भारत द्वारा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म किए जाने के बाद कश्मीर में स्थिति के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि समूची घाटी में आने वाले दिनों में सुरक्षा प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी. उन्होंने कहा कि टेलिफोन और इंटरनेट प्रतिबंध आतंकी तंत्र की सक्रियता को रोकने और हिंसा फैलाने वालों को एक-दूसरे के संपर्क में आने से रोकने के लिए आवश्यक थे.

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कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने में कोई हिन्दू राष्ट्रवादी अजेंडा नहीं है

विदेश मंत्री ने इस बात से भी इनकार किया कि कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने में कोई हिन्दू राष्ट्रवादी अजेंडा है, जिससे कि गैर मुस्लिमों को वहां संपत्ति खरीदने की अनुमति मिल सके और मुस्लिम बहुल आबादी को दरकिनार किया जा सके. उन्होंने कहा कि जो लोग यह कहते हैं, वे भारत को नहीं जानते. क्या यह भारत की संस्कृति से मेल खाता है?

ब्रसेल्स की यात्रा  की यात्रा के दौरान जयशंकर ने कही ये बात

ब्रसेल्स की यात्रा के दौरान जयशंकर ने यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड ससोली और यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडेरिका मोगेरिनी से मुलाकात की. इन नेताओं ने भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का आग्रह किया. मोगेरिनी के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख ने कश्मीर में लोगों के अधिकार और स्वतंत्रता बहाल करने के कदमों के महत्व पर जोर दिया.