भारत को उकसाने का काम जारी, पाक विदेश मंत्री ने अब अलगाववादी नेता गिलानी से की बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले पाकिस्तान ने पिछले 4 दिनों में कश्मीर के मामलों में दोबारा हस्तक्षेप किया है.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
भारत को उकसाने का काम जारी, पाक विदेश मंत्री ने अब अलगाववादी नेता गिलानी से की बात

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फाइल फोटो)

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक की फोन पर बातचीत को लेकर उपजे विवाद के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को उकसाने का काम किया है. अब शाह महमूद ने कश्मीर के कट्टर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से फोन पर बातचीत की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले पाकिस्तान ने पिछले 4 दिनों में कश्मीर के मामलों में दोबारा हस्तक्षेप किया है. सूत्रों के मुताबिक शाह कुरैशी ने गिलानी से कश्मीर की स्थिति और मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों पर बातचीत की है.

Advertisment

इससे पहले शाह ने कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक से इन्हीं मुद्दों पर बातचीत की थी जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान उच्चायुक्त को बुलाकर कड़ा विरोध जताया था और पाक को कश्मीर के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा था.

बता दें कि कश्मीर घाटी में गिलानी एक प्रमुख अलगाववादी नेता हैं और कई दशकों से कश्मीर के अलग होने की आवाज उठाते रहे हैं. पिछले साल केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गए वार्ताकार (विशेष प्रतिनिधि) से उन्होंने बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.

मीरवाइज से बातचीत पर भारत द्वारा पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया था. पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने नई दिल्ली द्वारा उठाए गए कदम को लेकर विरोध जताया था.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारत के फोन कॉल पर आपत्ति को खारिज कर दिया और 'इस्लामाबाद द्वारा आत्मनिर्णय के लिए कश्मीरी संघर्ष को समर्थन देने की बात दोहराई.'

पाकिस्तान द्वारा जारी बयान के अनुसार कहा गया, 'पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण हल होने तक अपना समर्थन व एकजुटता बनाए रखेगा.' मीरवाइज उमर फारूक ने भी टेलीफोन कॉल को सही बताया और सवाल किया कि नई दिल्ली इससे इतना परेशान क्यों है.

भारत का पाकिस्तान को दो टूक

मीरवाइज को फोन किए जाने पर भारत ने साफ कहा था कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा अलगाववादी नेता को फोन करना भारत के आंतरिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप देना है. विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा था कि पाकिस्तान ने पुष्टि की है कि उसने भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद से जुड़े लोगों/युवाओं को भड़काने और शह देने का काम किया है. यह भारत के साथ सामान्य संबंधों की उनकी आकांक्षाओं के दोहरेपन को दिखाता है.

पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहैल महमूद को विदेश सचिव ने कहा था कि भारत सरकार आशा करती है कि पाकिस्तान ऐसी गतिविधियों से बाज आएगा. उच्चायुक्त को बताया गया कि पाकिस्तान के इस रवैये से उलझने बढ़ेंगी.

और पढ़ें : आसिया बीबी देश छोड़ने के लिए आजाद : पाकिस्तान सरकार

विदेश सचिव ने पाकिस्तान को दो टूक कहा कि भारत सरकार की स्थिति स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है, है और रहेगा. और पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर राज्य के मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है.

कौन हैं सैय्यद अली शाह गिलानी

गिलानी ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस और तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष रह चुके हैं. पिछले साल ही उन्होंने तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. तहरीक-ए-हुर्रियत गिलानी की अगुवाई वाली हुर्रियत समूह का एक घटक है. जमात-ए-इस्लामी में फूट के बाद अगस्त 2004 में इसका गठन किया गया था.

और पढ़ें : US में लग सकता है आपातकाल, मैक्सिको सीमा पर दीवार को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने दिए संकेत

हुर्रियत का कहना है कि जब तक कश्मीर विवाद को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से हल करने की कोशिश नहीं की जाती है, तब तक वह चर्चा नहीं करेंगे.

गिलानी भारत से कश्मीर के विवादित स्थिति को स्वीकार करने और जनमत संग्रह कराने के लिए क्षेत्र से सेना हटाने की भी मांग करते आए हैं. सैय्यद अली शाह गिलानी जम्मू-कश्मीर के सोपोर विधानसभा से 1972, 1977 और 1987 में तीन बार विधायक रह चुके हैं.

Source : News Nation Bureau

Syed Ali Shah Geelani INDIA Shah Mehmood Qureshi कश्मीर Mirwaiz Umar Farooq Kashmiri Separatist kashmir पाकिस्तान pakistan Hurriyat सैयद अली शाह गिलानी अलगाववादी
      
Advertisment