राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को दायर अपने आरोपपत्र में कहा कि पाकिस्तानी दूतावास के कई अधिकारी जम्मू-कश्मीर में आतंक वित्तपोषण मामले में संलिप्त हैं और यह धन दुबई के रास्ते आया।
13 हजार पन्नों के आरोपपत्र में 64 पन्नों के क्रियात्मक भाग (ऑपरेटिव पार्ट) के अनुसार, 'पाकिस्तानी उच्चायोग के कुछ अधिकारियों ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ शाह समेत अन्य हुर्रियत नेताओं को जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी हमले, हिंसा की साजिश रचने, पथराव करने और विध्वंसक व पृथकतावादी गतिविधि करने के लिए धन मुहैया कराए।'
यह पूछे जाने पर कि आरोपपत्र में किसी भी पाकिस्तानी उच्चायोग अधिकारी का नाम क्यों नहीं है, एक एनआईए अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, 'हमारे पास मौखिक, परिस्थितिजन्य सबूत और कई गवाहों की गवाही कई पाकिस्तानी उच्चायोग अधिकारियों के खिलाफ मौजूद है। चूंकि मामले की जांच चल रही है, इसलिए उनके नाम नहीं बताए गए हैं।'
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अधिकारी ने कहा कि मामले की कार्यवाही आगे बढ़ने के दौरान हो सकता है कि उनके नाम उजागर हो जाए।
अदालत एनआईए के आरोपपत्र पर 30 जनवरी को सुनवाई कर सकती है जिसमें सात हुर्रियत नेताओं समेत 12 लोग आरोपी हैं।
एनआईए का यह आरोपपत्र पिछले वर्ष 30 मई को आतंकरोधी एजेंसी द्वारा दर्ज मामले पर आधारित है। आरोपपत्र में कहा गया है कि 'अलगाववादी नेताओं को अवैध धन पाकिस्तान के द्वारा दुबई के रास्ते भेजा गया।'
एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी लश्करे तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए होने वाले सभी लेनदेन से वाकिफ हैं।
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Source : News Nation Bureau