पाकिस्तान की नई साजिश का पर्दाफाश- भारत को दहलाने के लिए बनाया यह प्लान
भारत के खिलाफ नई-नई साजिशों को अंजाम देने वाले पाकिस्तान की काली करतूत का पर्दाफाश हुआ है. पाकिस्तान भारत में बड़े पैमाने पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए बड़ी साजिश रच रची थी
नई दिल्ली:
भारत के खिलाफ नई-नई साजिशों को अंजाम देने वाले पाकिस्तान की काली करतूत का पर्दाफाश हुआ है. पाकिस्तान भारत में बड़े पैमाने पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए बड़ी साजिश रच रची थी. पाकिस्तान ने अपने नए षड़यंत्र में सोशल नेटवर्किंग साइट व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया है. जानकारी में सामने आया है कि आतंकी मुल्ला जलाली के स्वीपर सेल ने इस तरह के 100 से ज्यादा वाहट्सऐप ग्रुप बनाए थे. दरअसल, पाकिस्तान के निशाने पर भारत का युवा वर्ग है. इन ग्रुप के माध्यम से भारत के युवाओं को भड़काने का काम किया जाना था.
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आपको बता दें कि काबुल के पतन के बाद से, पाकिस्तान चुपके से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हितधारकों के साथ इस संदेश के साथ जुड़ रहा है कि अफगानिस्तान को अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए और वहां आने वाली सरकार, जिसका नेतृत्व अफगान तालिबान द्वारा किया जा सकता है, को एक मौका दिया जाना चाहिए. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि पाकिस्तान में नीति निमार्ताओं के बीच एक विचार है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान के बारे में पूर्वाग्रह (पहले से ही एक सोच बना लेना) नहीं करना चाहिए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी हाल की चार देशों की यात्रा के दौरान यही संदेश दिया है। उन्होंने ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ईरान में यह संदेश दिया है. उनके अफगानिस्तान के भविष्य के साथ दांव लगाने की सिफारिश के साथ अन्य कुछ देशों का भी दौरा करने की संभावना है. कुरैशी ने एक बयान में पुष्टि की कि पाकिस्तान आगे के रास्ते के लिए अफगान तालिबान नेतृत्व के संपर्क में है. उन्होंने कहा कि तालिबान सकारात्मक संकेत दे रहा है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वे (तालिबान) सकारात्मक संकेत दे रहे हैं, तो दुनिया को उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पिछली गलतियों को दोहराने से बचने और अफगानिस्तान को अकेला नहीं छोड़ने का भी आग्रह किया. कुरैशी ने कहा, अगर अफगानिस्तान को अकेला छोड़ दिया जाता है, तो यह सभी के लिए एक आपदा होगी. उन्होंने पिछले चार दशकों से युद्धग्रस्त देश के साथ जुड़े रहने की आवश्यकता पर बल दिया. हाल ही में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अफगान तालिबान के लिए दुनिया का समर्थन मांगा था। उन्होंने कहा कि तालिबान ठीक वही कर रहा है जिसकी दुनिया मांग रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि खान ने कहा कि तालिबान ने मानव और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया है, एक समावेशी सरकार पर सहमति व्यक्त की है और इसने कहा है कि अफगानिस्तान की धरती को फिर से आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा.
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