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पाकिस्तान की सेना ने पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी को समन किया है। हाल ही में एक किताब रिलीज़ की गई है जिसके दुर्रानी वे भारतीय खुफिया एजेंसी के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ सह लेखक हैं।
पाक सेना ने दुर्रानी के इस कृत्य को मिलिटरी के कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन माना है। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) दुर्रानी ने अगस्त 1990 से मार्च 1992 तक आईएसआई के प्रमुख रहे हैं। इनके साथ ही दुलत ने एक किताब लिखी है जिसका शीर्षक है 'द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस।' इस किताब को बुधवार को रिलीज़ किया गया।
पाकिस्तानी सेना की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि 77 साल के दुर्रानी को जनरल हेडक्वार्टर में बुलाया गया है और उनसे, 'इस बात की सफाई मांगी जाएगी कि किताब में उनके हवाले से दिये गए दृष्टिकोण पर उनकी क्या स्थिति है।'
बयान में कहा गया है, 'उनके हवाले जो भी कहा गया है वो मिलिटरी कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है जो सेना में काम करने वाले सभी पर लागू होता है।'
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पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने किताब में दिये गए बयानों के आधार पर एक हाई पावर्ड नेशनल सिक्योरिटी कमीटी (एनएससी) की मीटिंग बुलाने की मांग की थी। जिसके बाद सेना ने दुर्रानी को समन किया है।
दुर्रानी ने किताब में दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी को ओसामा बिन लादेन के खिलाफ होने वाली अमेरिकी नेवी सील के ऑपरेशन की जानकारी उन्हें थी और पाकिस्तान-अमेरिका के बीच एक विशेष डील हुई थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के मामले के ठीक तरीके से हैंडल नहीं किया है जिसे पाकिस्तानी सेना ने जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई है।
पाकिस्तान सीनेट के पूर्व चेयरमैन रज़ा रब्बानी ने किताब की आलोचना की है। उन्होंने कहा, 'अगर किसी राजनीतिक नेता ये बात कही होती तो उसे गद्दार करार दे दिया गया होता।'
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Source : News Nation Bureau