यूएनजीए में अफगानिस्तान के आर्थिक पहलू और जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए तैयार पाकिस्तान
यूएनजीए में अफगानिस्तान के आर्थिक पहलू और जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए तैयार पाकिस्तान
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान अफगानिस्तान के संभावित आर्थिक पतन को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप के लिए संयुक्त राष्ट्र के आह्वान में शामिल होने के साथ-साथ भारत के खिलाफ कश्मीर विवाद को तेज करने के लिए कमर कस रहा है।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को वर्चुअल तरीके से संबोधित करने वाले हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी न्यूयॉर्क में हैं और उनके विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठकें करने की उम्मीद है।
पाकिस्तान ने हाल ही में अपने विस्तृत केस स्टडी का प्रदर्शन किया और इसे जम्मू-कश्मीर में बिगड़ती स्थिति के बारे में एक नए डोजियर के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें वीडियो साक्षात्कार, इंटरसेप्टेड कॉल रिकॉडिर्ंग और चित्र दिखाए गए हैं। इसने दावा किया गया है कि 5 अगस्त, 2019 से भारत की ओर से अवैध रूप से भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को भारत अधिकृत क्षेत्र मानता है) में मानवाधिकारों का कथित तौर पर निरंतर उल्लंघन किया जा रहा है। पाकिस्तान इस डोजियर में इन्हें कथित सबूत के रूप में पेश कर रहा है।
उम्मीद है कि शुक्रवार को यूएनजीए में इमरान खान के संबोधन में भी इसे आगे लाया जाएगा और इसका उल्लेख किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने खुलासा किया कि यूएनजीए में देश की प्राथमिकताएं होंगी:
- चुनौतीपूर्ण समय में स्वयं के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना
- अवैध रूप से भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर के बारे में चिंताओं को उजागर करने के लिए
- स्थिरता, शांति, सुलह और अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार को सुनिश्चित करने के लिए अफगानिस्तान के लिए रणनीति
- पाकिस्तान द्वारा सामना की जा रही सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डालना, विशेषकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के फिर से उभरने के संदर्भ में।
अकरम ने कहा, हम चाहते हैं कि दुनिया इस बात को समझे कि इस स्थिति से शांति और सुरक्षा को खतरा है।
उन्होंने कहा, हमारी रणनीति अफगानिस्तान को स्थिर करने, शांति बहाल करने, सुलह को बढ़ावा देने, मानवीय मदद लाने और अफगान अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की है। हम आतंकवाद, विशेष रूप से टीटीपी की गतिविधियों के मुद्दे को भी संबोधित करेंगे।
इसके अलावा, कुरैशी जम्मू एवं कश्मीर पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के संपर्क समूह के साथ बैठक करेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों और जलवायु संकट और ऊर्जा मुद्दों पर अन्य बैठकों में भी भाग लेंगे।
पाकिस्तान अफगान मुद्दे पर इसकी ढहती अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए अफगानिस्तान के भंडार को तत्काल डी-फ्रीजिंग करने का आह्वान करेगा।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, अफगानिस्तान में जो हुआ वह आतंकवादी समूहों या अन्य विद्रोही आंदोलनों को और अधिक आक्रामक बनने के लिए प्रेरित कर सकता है।
उन्होंने कहा, हम सभी चाहते हैं कि अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार हो और मानवाधिकारों, खासकर महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों का सम्मान हो और यह फिर कभी आतंकवादियों का केंद्र न बने।
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