पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष को रिहा करने के आदेश के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने न्यायपालिका पर इमरान खान की तरफदारी का आरोप लगाया। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में यह बात कही गई है।
प्रधानमंत्री ने अदालत के फैसले में सर्वसम्मति नहीं होने की बात को रेखांकित करते हुए कहा, न्यायपालिका इमरान खान के लिए लोहे का कवच बन गई है।
जियो न्यूज ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस्लामाबाद में एक कैबिनेट बैठक को संबोधित करते हुए देश में अन्य राजनेताओं के साथ किए गए व्यवहार के बारे में न्यायपालिका पर सवाल उठाया।
इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने 9 मई की इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करते हुए गुरुवार को उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।
नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के वारंट पर कार्रवाई करते हुएपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से रेंजर्स कर्मियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
द न्यूज की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सवाल किया, नेताओं को फर्जी मुकदमों में जेल भेजा गया। क्या कभी किसी अदालत ने इस पर ध्यान दिया?
एनएबी द्वारा मामलों के इतिहास पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी संस्था ने किसी को भी नहीं बख्शा है और उद्योगों तथा शैक्षणिक प्रतिष्ठानों से लेकर धार्मिक संस्थानों तक पूरे देश में जहर घोल दिया है।
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Source : IANS